बीपीएल में होने के बावजूद नहीं मिलता सस्ता राशन
नाहन (हिमाचलवार्ता)। जिंदगी गुजरी मजदूरी में, बुढ़ापा दर-दर की ठोकरें खिला रहा, गरीबी इतनी हुई परवान कि शासन-प्रशासन बोना नजर आ रहा है। आज हम आपको ऐसी जमीनी हकीकत से रूबरू करवा रहे जिससे सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की पोल खुल जाएगी कि।
सरकारी योजनाएं धरातल पर किस कदर फ्लॉप हो रही है और पात्र लोग इनसे बंचित हो रहे है। मामला हिमाचल प्रदेश की जिला सिरमौर के विकासखंड शिलाई की ग्राम पंचायत लोज़ा-मानल के चियाली गांव का है। जहां पर 80 वर्षीय बुजुर्ग पिता अपने चार वर्षीय बेटे के लिए भोजन के साथ जिंदगी ढूंढता नजर आ रहा है, लेकिन उजाला दूर-दूर तक नजर नही आ रहा है।
प्रदेश सरकार गरीब, असहाय परिवारों के लिए दर्जनों विकासात्मक योजनाएं चालू करने के बाद विकास की दृष्टि से अपनी पीठ थपथपाती है, परन्तु 80 वर्षीय खत्तरी राम तक सरकार की योजनाऐं तो दूर प्रशासनिक कर्मचारियों सहित स्थानीय पंचायत के प्रतिनिधि भी नही पहुँच पाए है।
इस तरह की अनदेखी शासन व प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े करती है। खत्तरी राम अपना व बेटे का गुजर-बसर सरकार द्वारा दी वृद्धा अवस्था पेंशन से कर रहे है। हैरानी की बात तो यह है कि जहाँ सरकार राज्य के हर परिवार को सस्ता राशन दे रही हैं , वहीँ 80 वर्षीय बुजुर्ग को बीते पांच वर्षों में एक बार भी डिपो का राशन नसीब नही हो पाया है, पांच वर्ष पहले राशनकार्ड को डिजीटल कार्ड बनवाने के लिए दिया गया है, दुर्भाग्य देखो आज तक डिजीटल राशनकार्ड नही बन पाया है।
खत्री राम पंचायत में बीपीएल श्रेणी से आते है बावजूद उसके सरकारी योजना तो दूर है ही , लेकिन भोजन के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। खत्री राम के गोद लिए बेटे की उम्र चार वर्ष हो गई है, लेकिन बेटे का आधारकार्ड नही बन पाया है। आखिर क्यों किसी ने बुजुर्ग का ख्याल नही रखा, पंचायत व प्रशासन की यह कैसी योजनाऐं है जो जरूरतमंद तक पहुँचती ही नही है।
खतरी राम का राशन पिछले पांच सालों से कौन खा रहा है दर्जनों ऐसे सवाल है जो शासन, प्रशासन सहित सरकार को कटघरे में ख़ड़ा कर रही है। गुरुकृपा नवयुवक मण्डल अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर, महासचिव प्रकाश भारद्वाज, सदस्य उजागर सिंह, अजय भारद्वाज, संदीप मिंटा ने कहा कि बुजुर्ग खत्री राम की हालात दयनीय है।
सिर पर छत नही है न ही सोने, पहनने के लिए अच्छे कपड़े है, मांग कर भोजन का गुजारा कर रहा है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण बैठे की पढ़ाई तो दूर परवरिश तक नही हो पा रहा है।
उन्होंने बताया की जब उन्हें खत्तरी राम की दयनीय हालत का पता चला तो उन्होंने वृद्ध व्यक्ति को राशन उपलब्ध करवाया है, कोशिश है कि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं तथा सरकार बेसहारा परिवार को सहारा दें, इसके लिए प्रयास किये जाएंगे।