नाहन 04 जुलाई (हिमाचलवार्ता) :- भले ही प्रदेश सरकार ने खण्ड की पंचायतों में प्रधान पतियों के हस्तक्षेप करने पर पूर्ण रोक लगाई हो, लेकिन मौका की परिस्थितियां विपरीत है यदि जिला सिरमौर के पांवटा साहिब व शिलाई विकास खण्ड की बात की जाए तो यहां पंचायतों में बनी महिला प्रधानों के पतियों ने पंचायत बजट डकारने के लिए रोडमैप तैयार कर लिया है इनकी पहली नज़र 15 वां विनियोग व पेंडिंग मनरेगा की मैटेरियल पेमेंट है, ऑनगोइंग विकासात्मक स्कीमों से यदि बजट इनकी झोली में नही आया तो स्कीम को बंद करने की धमकियों का माहौल गर्म है। सूत्रों की माने तो पंचायतों में महिला प्रधान नही बल्कि उनके पतियों की साख दाव पर है।
लॉकडाउन खुलते ही महिला प्रधानों के पति पंचायतों के इर्दगिर्द मंडराने लगे है तथा पंचायत के वर्तमान व आगामी बजट को कैसे अन्दर किया जाए, इसके लिए महिला प्रधानों को समझाया जा रहा है। साथ ही पंचायतों में विश्वासपात्र कर्मचारियों की नियुक्तियां करवाने के लिए नेताओं के आगेपीछे चक्कर लगाते हुए प्रधानपति व छोटुभाई नेता नजर आने लगे है, ऐसे में सरकार व अधिकारी कितने सख्त कदम उठाएंगे यह विचारणीय मामला है।
नई पंचायतों को बनकर लगभग 7 महीने हो चुके है लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते विकासात्मक कार्य नही हो पाए है, सरकार की दयनीय हालत होने के कारण करोड़ो रूपये का मनरेगा मेटीरियल पिछले एक वर्ष से पंचायतों को नही मिल पाया है, अब सरकार जहां पिछली पेमेंट भेजने की बात कर रही है वही मनरेगा व अन्य मदों से पंचायत स्तर पर अधिक से अधिक मजदूरी देने की योजनाएं बना रही है।
क्षेत्रवासियों में बहादुर सिंह, चेत राम, अनिल, जगदीश, चमेल सिंह, कंवर सिंह, तोता राम, रणजीत सिंह, जवाहर सिंह, गोविंद, दिनेश, पंकज बताते है कि पंचायतों में प्रधान पतियों का राज है, उनसे पूछे बिना पंचायत में पत्ता भी नहीं हिलता है, पुरानी स्कीमों को बंद करने की बाते प्रधान पति व उनके परिजन करते है साथ ही धमकियां दे रहे हैं कि पूर्व प्रधान भ्रष्टाचार में लिप्त थे इसलिए पिछली स्किमो को बंद किया जाएगा। हद तो इस बात की हो गई कि खण्ड कार्यालय भी प्रधानपति ही डील करते नजर आते है, जब खण्ड विकास अधिकारी शिलाई ने प्रधान पतियों को पंचायत में हस्तक्षेप करने से रोकने की कोशिशें की तो अब भ्रष्टाचार में लिप्त प्रधान पति खण्ड विकास अधिकारी के तबादले की बात करते है
खण्ड विकास अधिकारी शिलाई विनीत ठाकुर ने बताया कि पंचायतों को पहले ही आदेश दिए गए है कि किसी भी महिला प्रधान के पति पंचायत कार्यों में हस्तक्षेप नही करेंगे , फिर भी यदि किसी पंचायत में ऐसा हो रहा है तथा जनता को परेशानियां हो रही हो तो खण्ड कार्यालय में शिकायत करें, नियमानुसार सम्बन्धित पंचायत पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, उन्होंने बताया कि अपना कार्यकाल ईमानदारी व विकास की लहर लाकर ही पूर्ण करना है, तबादला होने से उन्हें कोई फर्क नही पड़ेगा लेकिन भर्ष्टाचारी आत्माओं को पनपने नही देंगे।