नाहन (हिमाचल वार्ता) :- सिविल अस्पताल पांवटा साहिब और विवादों का मानों चोली दामन का साथ हो। अस्पताल हमेशा किसी न किसी विवाद के लिए सुर्खियों में रहता है।
सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में आज एक मासूम को समय पर उचित उपचार न मिलने के कारण जान से हाथ धोना पड़ा। बताते है कि मरीज को समय पर एम्बुलेंस नही मिली अगर समय पर एम्बुलेंस मिल जाती तो शायद जान बच जाती।
जानकारी के मुताबिक धौलाकुआं के समीप एक सड़क हादसा हुआ ,जिसमे एक व्यक्ति घायल हुआ। 24 वर्षीय युवक को अस्पताल लाया गया तो उपचार के दौरान उसने दम तोड़ा दिया। परिजनों का आरोप है कि सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें गुमराह किया ।
मृतक के परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर रेफर किया लेकिन दो घंटे तक एम्बुलेंस नही आई जिसके चलते युवक ने दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि अस्पताल के डाक्टरों ने मरीज को तड़पता हुआ छोड़ा और चले गए। जिससे युवक की जान चली गई वही, जब इस बारे में इस व्यक्ति के परिवार जनों को पता चला तो उन्होंने शव को हाथ तक नहीं लगाया और यूं ही अस्पताल परिसर में गुपचुप बैठे रहे।
जब अस्पताल परिसर में मीडिया डॉक्टरों से बात करनी चाही तो उन्होंने मीडिया के कैमरे में आने से साफ इनकार कर दिया ओर कहा कि उन्हें लिखित निर्देश पारित हैं कि कोई भी मीडिया को स्टेटमेंट नही देगा।
जब मृतक युवक के परिजनों से बातचीत की गई तो यह रोते बिलखते हुए मीडिया को अपनी दांस्ता बयां की। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस समय पर न मिलने के चलते उनके घर का चिराग बुझ गया। उनका आरोप है कि डॉक्टरों ने उन्हें गुमराह किया है । एक मां जो रोती चीखती रही कि उनका बेटा आज उनसे डॉक्टरों ने छीना है और डॉक्टर लास्ट में ये कह कर चले गए कि अब तुम्हारा बेटा नही रहा।