नाहन (हिमाचलवार्ता)। गो सेवक सचिन ओबराय की मांगे मान लेने के बाद आज शनिवार को पांवटा साहिब के एसडीएम विवेक महाजन ने ओबराय को ज्यूस पिलाकर अनशन से उठाया!
उल्लेखनीय है कि पांचवें दिन गो सेवक सचिन ओबरॉय की गौ संरक्षण को लेकर आमरण अनशन शुरू करने का अब असर हुआ है,आज पांचवें दिन प्रशासन को होश आया है और शहर में बेसहारा गायों को उनके सही स्थान पर पहुंचाने की मुहिम शुरू हो गई है।
पांवटा क्षेत्र में आने वाले दिनों में अब कोई भी आवारा बेसहारा पशु नजर नही आने वाला है क्योंकि पांवटा प्रशासन द्वारा शुरू की गई नई पहल के तहत दो कमेटियों का गठन कर आवारा गोवंश को गौशाला तक पहुंचाने का काम शुरू किया जा चुका है।
इसमें किसी तरह की कोई प्रताड़ित करने वाली बात नहीं थी। उन्होंने कहा कि गोवंश संरक्षण को लेकर अभी और भी कई कार्य किये जाने है, जो समय के साथ लागू किये जायगें। इस दौरान कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद पांवटा आर एस बेदी व अधीक्षक गौरव पाठक भी उपस्थित रहे।एसडीएम पांवटा विवेक महाजन की अगुवाई में 12-12 सदस्यों की दो कमेटियां गठित की गई है। इसमें 10-10 कर्मचारी नगर परिषद पांवटा से हैं, जबकि उक्त दो गठित कमेटियों में दो-दो वेटरनरी डॉक्टर भी शामिल है। उक्त कमेटियां पांवटा शहरी क्षेत्र में आवारा पशु को पकड़ कर नगर परिषद की गौशाला तक पहुंचाएंगे।जहा डॉक्टर उनकी पहले स्वास्थ्य जांच करेंगे व उसके बाद यदि पशु टैग लगा है तो मालिक को बुलाकर उसे सख्त हिदायत देकर उसके हवाले किया जाएगा। बिना टैग लगा पशु को जिला की अन्य गौशालाओं में पहुंचाया जाएगा।
एसडीएम पांवटा ने बताया कि जिला की एक दर्जन गोशालाओं में अभी लगभग 100 पशुओं को और रखने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि आवारा पकड़े जाने वाले गोवंश के चारे की भी पहले ही व्यवस्था कर दी गई है।
अनशन पर बैठे सचिन ओबरॉय की पहली डिमांड के तहत उन्होंने पांवटा की गौशालाओं की दशा सुधारने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद उक्त गौशालाओं की दशा और बेहतर हुई है। वही अब पांवटा क्षेत्र के आवारा पशुओं को एकत्र कर उन्हें गौशाला में पहुंचाने की पहल भी शुरू की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि गोवंश संरक्षण को लेकर जो स्थानीय स्तर पर प्रशासन कर सकता है वह हर मुमकिन कोशिश की जा रही है।
जबकि गोवंश सुधार को लेकर लागू होने वाले कानून का काम सरकार द्वारा शुरू किया जाना है। उन्होंने ऊपरी स्तर की मांगे भी सरकार के ध्यान में लाई है। उम्मीद जताई है कि गो सेवक सचिन इन गोवंश उत्थान कार्यों से जरूर निश्चिंत होंगे व शीघ्र ही अपना अनशन तोड़ देंगे।
पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि गो सेवक सचिव की नियमित तौर पर स्वास्थ्य जांच की जा रही है। उन्हें अनशन स्थल से स्वास्थ्य के लिहाज से स्वास्थ्य जांच बाद ही नाहन मेडिकल अस्पताल ले जाया गया था और अब अनशन समाप्त हो गया है!