नाहन संजय सिंह 20 मार्च (हिमाचलवार्ता न्यूज़ ) :- करीब डेढ़ वर्ष से अधिक समय से जीर्णोद्धार को तरस रहे जिला के मुख्य आयुर्वेदिक अस्पताल के दिन फिरने की उम्मीद अब परवान चढ़ेगी। डॉ. यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण के लिए जिला का मुख्य आयुर्वेदिक अस्पताल भी टारगेट पर आ गया था। हालांकि, आयुर्वेदिक विभाग के द्वारा बिल्डिंग मेडिकल कॉलेज को हैंड ओवर ना हो इसके लिए बड़े प्रयास भी किए गए थे। बावजूद इसके, मेडिकल कॉलेज नाहन सरकार से आयुर्वेदिक भवन को अपने अधीन कर पाने में सफल हो गया था। अस्पताल भवन के बदले सरकार के द्वारा साइंस ब्लॉक की बिल्डिंग दे दी गई थी।
साठ के दशक में बनी यह बिल्डिंग अस्पताल के मुताबिक नहीं थी जिसके रिनोवेशन पर ड्राइंग और एस्टीमेट आदि सब बना दिया गया था। जिसकी एवज में मेडिकल कॉलेज के द्वारा आयुर्वेदिक अस्पताल के लिए विभाग को एक करोड़ 90 लाख रुपए दिए जाने थे। रिनोवेशन ना होने के कारण ना केवल नाहन बल्कि जिला के बहुत से ऐसे लोग थे जो केवल आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति पर ही विश्वास करते थे। शिफ्ट किए गए भवन में आयुर्वेदिक विभाग के बहुत सारी इलाज पद्धतियां रुक गई थी। जिसमें पंच कर्मा नस्य कर्म सहित नेचर केयर से बहुत सारे विधान रुक गए थे।
आयुर्वेदिक अस्पताल का बंद कमरों में पड़ा सामान जंग खाने लग पड़ा था। हालांकि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व नाहन के विधायक डॉ. राजीव बिंदल ने भी पुरजोर मांग की थी कि मेडिकल कॉलेज जल्द से जल्द आयुर्वेदिक भवन का पैसा रिलीज करें। आखिर उन्हीं के प्रयासों के चलते लंबे अंतराल के बाद आयुर्वेदिक विभाग को 1 करोड़ 90 लाख रुपए जारी हो गए हैं। इन पैसों के मिलने के बाद नहान का आयुर्वेदिक विभाग फिर से अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस ला पाने में कामयाब होगा।
उधर, प्रिंसिपल डॉ यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज डॉक्टर आरके महेंद्रू ने बताया कि उनके द्वारा आयुर्वेदिक विभाग का एक करोड़ 90 लाख रुपए जारी कर दिया गया है। वही विधायक डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों के चलते नए भवन में आयुर्वेदिक विभाग आयुर्वेदिक पद्धति में पूर्ण रुप से अपनी सेवाएं देगा।