राजगढ़ 04 मई (एसपी जैरथ) 🙁 हिमाचल वार्ता न्यूज) पीच बाउल ऑफ एशिया कहलाए जाने वाले राजगढ़ में आड़ू आज विलुप्त की कगार पर आ चुका है। फाइटोप्लाजमा नामक गंभीर बीमारी से संक्रमित होकर पिछले 25 सालों में आड़ू के उत्पादन में लगातार गिरावट आई है। गौरतलब है कि ये बिमारी भाट का सयाना स्थित सरकारी फार्म से ही राजगढ़ क्षेत्र में फैली है।
खुद सरकार द्वारा ही संक्रमित पौधे बागवानों को दिए गए हैं। इसी संक्रमण से क्षेत्र में आड़ू को बचाने की मांग को लेकर बागवानों का प्रतिनिधिमंडल उद्यान विभाग के विषयवाद विशेषज्ञ देविंदर अत्री से मिला। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्लम ग्रोवर फोरम के संस्थापक अध्यक्ष दीपक सिंघा ने किया।
उनके साथ बागवानी विशेषज्ञ सनम चोपड़ा, स्थानीय बागवान प्रकाश चौहान और विकल्प सिंह ठाकुर भी उपस्थित रहे। प्रतिनिधिमंडल ने विभाग को बताया कि आड़ू की फसल में लगने वाली इस बीमारी से स्थानीय बागवानों की आजीविका संकट में आ गई है।
सरकार और विभाग की लापरवाही के कारण विशेषकर छोटे बागवानों की आर्थिकी संकट में आ गई है और उन्हें मजदूरी करने को विवश होना पड़ रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी है।
यदि विभाग ने इस समस्या में गंभीरता से संज्ञान नहीं लिया तो बागवान बड़े पैमाने पर विरोध का रास्ता अपनाएंगे। उन्होंने बताया कि हर स्तर पर आड़ू की फसल को बचाने का प्रयास किया जाएगा।