नाहन (हिमाचल वार्ता न्यूज) :- अन्य पिछड़ा वर्ग सूची से गंधर्व जाति का नाम हटाए जाने पर प्रदेश का गंघर्व समुदाय काफी क्षुब्ध है । जिस बारे गंधर्व कल्याण परिषद हिप्र के एक प्रतिनिधि मंडल ने अध्यक्ष पदमश्री विद्यानंद सरैक के नेतृत्व में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भेंट भी की तथा तूरी, हासी और ढाकी जाति को ओबीसी से हटाए जाने बारे विस्तार से अवगत करवाया गया । परिषद के स्थाई सचिव रमेश सरैक ने बताया कि सीएम ने उनकी इस गंभीर समस्या को ध्यान से सुना तथा सहानुभूतिपूर्वक विचार करके इस वर्ग को पुनः ओबीसी में शामिल करने का आश्वासन दिया गया। रमेश सरैक ने बताया कि उनके सामुदाय के साथ एक बहुत बड़ा अन्याय हुआ है । इनका कहना है कि गंधर्व अर्थात तूरी, हासी और ढाकी जाति प्रदेश में सबसे अल्पसंख्यक श्रेणी में आती है । सबसे अहम बात यह है कि इनके द्वारा देव संस्कृति और देव परंपराओं को सदियों से निभाया जा रहा है । बताया कि इस जाति के अनेक ऐसे परिवार है जोकि आज भी देवताओं की जमीन पर काश्त करके रोजी रोटी कमा रहे हैं ।
रमेश सरैक का कहना है कि गंधर्व समुदाय का प्रदेश की संस्कृति के संवर्धन व संरक्षण में अहम भूमिका निभाई जा रही है और प्रदेश में आदिकाल से गाए जाने वाले लोकगीतों, पारंपरिक वाद्य यंत्रों व देव पंरपराओं का संजोए रखा है । इनका कहना है कि गंधर्व समुदाय का नाम ओबीसी की सूची से किस रिपोर्ट के आधार पर काटा गया है इसकी जांच होनी चाहिए । उन्होने बताया कि ओबीसी सूची से हटाए जाने बारे इस जाति वर्ग से किसी प्रकार की कोई संवाद भी नहीं किया गया ।
प्रतिनिधि मंडल में हेतराम गंधर्व, कुलभूषण, बेलीराम, अतर सिंह , रोजश, रामदयाल सोनी सहित गंधर्व कल्याण परिषद के अन्य सदस्य शामिल थे