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    सिरमौर

    मिल्कफेड हिमाचल प्रदेश ने लगाया 32 करोड़ का मिठाई का प्लांट

    By Himachal VartaNovember 22, 2022
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    नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज) (एसपी जैरथ):- हिमाचल प्रदेश के लोग अब आंखें मूंदकर असली शुद्ध घी दूध से बनी मिठाई प्रदेश में ही खरीद सकेंगे। यही नहीं शादी ब्याह आदि संस्कारों के लिए मिल्कफेड को मिठाई भाजी आदि के लिए ऑर्डर दिया जा सकता है। प्रदेश के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है। एक ओर जहां आज लोग नकली मिलावटी मिठाइयों के कारण गंभीर बीमारियों के खतरे के चलते मिठाई खरीदने से परहेज करने लग पड़े हैं। वही अब प्रदेश में प्रदेश के ही ग्रामीण क्षेत्रों से इकट्ठा किए गए गाय के दूध से मिठाईयां बननी शुरू हो गई है।
    मिल्कफेड के द्वारा शिमला जिला के रामपुर दत्तनगर में करीब 32 करोड़ रुपए की मिठाई की इंडस्ट्री लगाई गई है। बड़ी बात तो यह है कि इस प्लांट में बनने वाली प्रत्येक मिठाई में सारा काम ऑटोमेटिक तरीके से किया जाएगा। यानी इस फैक्ट्री में बनने वाली मिठाई, नमकीन, बिस्कुट व भाजी आदि पूरी तरह से हाइजीनिक होगी। यही नहीं फैक्ट्री की प्रयोगशाला में जो भी प्रोडक्ट तैयार किया जाएगा उसकी गुणवत्ता की भी पूरी तरह से जांच कर बैच तैयार किए जाएंगे। बड़ी बात तो यह है कि इस प्लांट में बनने वाली हर मिठाई शुद्ध देसी घी से बनाई जाएगी।
    यहां यह भी बताना जरूरी है कि जो घी मिठाई आदि में इस्तेमाल किया जाएगा वह भी मिल्कफेड के द्वारा स्थानीय ग्रामीण क्षेत्रों से कलेक्ट किए गए दूध से बनाया गया है। आप यह भी जानकार हैरान हो जाएंगे कि मिल्कफेड द्वारा करीब 12 करोड रुपए का बिस्किट बनाकर आंगनबाड़ी को भी दिया गया है। अब यदि किसी भी शादी आदि समारोह के लिए मिठाई का ऑर्डर करना है तो उसके लिए संबंधित जिला के मिल्कफेड कार्यालय को संपर्क किया जा सकता है। गौरतलब हो कि मिल्कफेड हिमाचल प्रदेश हर वर्ष दीपावली के अवसर पर अपने ही द्वारा तैयार किए गए मावा, घी आदि से मिठाईयां बनवाया था।
    प्लांट के लगने से पहले यह तमाम मिठाईयां मिल्कफेड चंडीगढ़ के एक ऑटोमेटिक प्लांट में बनवाया करता था। मगर अब मिल्कफेड का अपना 32 करोड का प्लांट बनकर तैयार हो चुका है। यही नहीं यह प्लांट प्रोडक्शन में भी आ चुका है। प्लांट में बनने वाली हर मिठाई शुद्ध और गुणवत्ता की कसौटी पर 100% असली होगी। बता दे कि हिमाचल प्रदेश में मिल्कफेड के दो प्रमुख प्लांट हैं। जिनमें से एक मंडी जिला में और दूसरा रामपुर के दत्तनगर में है। जहां पर घी, मक्खन, दही आदि बनाया जाता है। मगर मिठाई का प्रदेश में यह पहला प्लांट होगा जिसमें पूरी तरह से ऑटोमेटिक तरीके से मिठाईयां आदि बनाई जाएंगी।
    लगाए गए प्लांट में फिलहाल 32 तरह की मिठाइयां अलग-अलग तरह की नमकीन, बिस्कुट बनाए जा रहे हैं। मिल्कफेड के द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट को लेकर रिटेल शॉप कीपर को ऑफर भी दिए गए हैं। बड़ी बात तो यह भी है कि इस प्लांट में जो भी आइटम बनाई जाएगी वह 6 महीने तक बिल्कुल भी खराब नहीं होगी। फैक्ट्री में बनाए जाने वाले तमाम प्रोडक्ट को लेकर मिल्कफेड के द्वारा फूड स्पेशलिस्ट भी रखे गए हैं। मिल्कफेड किसानों को दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बेहतर प्रयास भी कर रहा है। किसानों को उनके दूध का सही मूल्य और समय पर उसका भुगतान भी कर रहा है।
    यही वजह है कि आज प्रदेश का किसान श्वेत क्रांति से जुड़ कर अधिक से अधिक दूध उत्पादन कर अपनी आर्थिकी को मजबूत कर रहा है। मजे की बात तो यह है कि मिल्कफेड लोगों को घर द्वार पर ही दुध व मिल्क प्रोडक्ट उपलब्ध करा रहा है। हाल ही में दीपावली पर मिल्कफेड के द्वारा सिरमौर जिला में 17 क्विंटल मिठाई बेची गई जिससे मिल्कफेड को 975000 रूपए का मुनाफा भी हुआ है। शुद्धता और गुणवत्ता के चलते भारतीय सेना के द्वारा भी मिल्कफेड के घी को अपनी कैंटीन में शामिल कर लिया गया है। यानी आर्मी की कैंटीन में अब हिमाचल प्रदेश मिल्कफेड का घी मिलना शुरू होगा।
    उधर, खबर की पुष्टि करते हुए मिल्क साइड के निदेशक मदन ठाकुर ने बताया कि दत्तनगर में लगाया गया मिठाई का प्लांट शुरू हो चुका है। उन्होंने बताया इस प्लांट में पूरी तरह से जांच परख के बाद मिठाई, नमकीन, बिस्किट व अन्य आइटम बनाई जा रही है।
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