Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Breakng
    • सिरमौर के सुरेंद्र हिंदुस्तानी को रेलवे विकास निगम में मिली बड़ी जिम्मेदारी
    • बड़े स्तर पर अवैध खनन मारकंडा नदी में हो रहा है : डॉ बिंदल
    • उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक
    • जामना से पकड़ी 55 शीशीयां नशीला सिरप व 16,700 कैश, आरोपी गिरफ्तार
    • एवीएन स्कूल के दो विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा की मेरिट सूची में मिला स्थान
    • मोदी की ताकत का लोहा दुनिया मानती है लेकिन भारत के विपक्षी दलों को तकलीफ़ होती है : प्रताप सिंह रावत
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Himachal Varta
    • होम पेज
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सिरमौर
      • ऊना
      • चंबा
      • लाहौल स्पीति
      • बिलासपुर
      • मंडी
      • सोलन
      • कुल्लू
      • हमीरपुर
      • किन्नोर
      • कांगड़ा
    • खेल
    • स्वास्थ्य
    • चण्डीगढ़
    • क्राइम
    • दुर्घटनाएं
    • पंजाब
    • आस्था
    • देश
    • हरियाणा
    • राजनैतिक
    Monday, May 19
    Himachal Varta
    Home»हिमाचल प्रदेश»सिरमौर»3000 नौकरियों को ले डूबने वाली टाइटेनिक बनी टेक्नोमैक की असेसमेंट पर लगे सवालिया निशान
    सिरमौर

    3000 नौकरियों को ले डूबने वाली टाइटेनिक बनी टेक्नोमैक की असेसमेंट पर लगे सवालिया निशान

    By Himachal VartaDecember 20, 2022
    Facebook WhatsApp

    Question-marks-on-the-asses.jpg

    नाहन( हिमाचल वार्ता न्यूज) (एसपी जैरथ):-18 जनवरी को नीलाम होने वाली सिरमौर की इंडियन टेक्नोमैक की असेसमेंट पर ही सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं। यही नहीं तीसरे अटेम्प्ट के बाद भी कबाड़ में तब्दील हो चुकी फैक्ट्री को कोई बोली देने को भी तैयार नहीं है। इसकी बड़ी वजह नीलामी की राशि 150 करोड़ रुपए रखा जाना है। जबकि अधिकतर खरीदारों का कहना है कि विभाग के द्वारा यह नहीं बताया गया है कि कुल कितना लोहा या अन्य धातु आदि हैं। वही विभाग के द्वारा यह भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है कि जमीन सहित खरीदने पर 118 की परमिशन आवश्यक होगी या नहीं।यहां यह भी बताना जरूरी है कि जिस जमीन पर यह फैक्ट्री बनी है उस जमीन के कई ऐसे भाग हैं जिनका अभी तक दाखिल खारिज नहीं हुआ है। जैसे इस फैक्ट्री का एक भूखंड अभी भी नाहन के पूर्व में रहे बारूद एवं बंदूक व्यवसाय भाईजान के नाम है। ऐसे में अधिकतर बायर का कहना है कि मौजूदा स्थिति के अनुसार 150 करोड़ तो दूर की बात है फैक्ट्री 5 करोड़ में भी महंगी है। अब सवाल उठता है कि आखिर इस फैक्ट्री को बगैर ऑडिट विभाग के द्वारा कैसे सील कर दिया गया। विभाग के द्वारा केवल बैंक को दी गई रिटर्न के आधार पर ही 2100 करोड़ की असेसमेंट की गई थी।यानी कंपनी ने जो रिटर्न भरी थी उसी को टर्न ओवर माना गया था। हालांकि, राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने इसे अपनी विभागीय कार्य प्रणाली के तहत ही किया था मगर यहां यह नहीं सोचा गया कि किसी भी फैक्ट्री या संस्थान को बंद कर रिकवरी नहीं की जा सकती। ऐसे में यदि कंपनी प्रोडक्शन में रहती तो लेबर सरकार तथा बैंक की जो लायबिलिटीज थी उनमें काफी हद तक रिकवरी होती। अब यहां यह भी जान लेना जरूरी है कि इस पूरे प्रकरण की पुलिस इन्वेस्टिगेशन ही हो पाई है। 2016 में एफ आई आर लॉज होने के बाद पुलिस इन्वेस्टिगेशन शुरू हुआ जबकि इस प्रकरण की जो एसेसमेंट हुई थी वह 2014 के आसपास हुई थी।यानी जांच की जो रिपोर्ट है वह माननीय एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज नाहन के समक्ष 2019 में रखी गई। तत्कालीन डीजीपी के द्वारा पुलिस इन्वेस्टिगेशन के दौरान प्रिंसिपल अकाउंट जनरल को इस प्रकरण को लेकर स्पेशल ऑडिट की भी डिमांड की गई थी। अब यदि विभाग पहले ही इसका ऑडिट कराता तो संभवत जो एसेसमेंट 2100 करोड़ की गई थी वह काफी कम होती। एक बड़ा सवाल यहां यह भी उठता है कि कंपनी के द्वारा ना तो माल लाया गया ना प्रोडक्शन किया गया और ना ही बेचा गया। कंपनी के द्वारा केवल बैंकों से धोखाधड़ी कर फर्जी टर्नओवर बनाई गई। उसी टर्नओवर के आधार पर विभाग ने असेसमेंट की। कंपनी के द्वारा केवल कागजों में ही फर्जी लेन-देन दिखाकर बैंकों के साथ फ्रॉड किया गया था।जबकि जो भी बैरियर से आवाजाही दिखाई गई कंपनी के द्वारा बाकायदा उसका वैट टैक्स दिया गया था। मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए थी जबकि यह जांच केवल स्टेट सीआईडी के द्वारा की गई। जांच में ईडी भी शामिल हुई मगर ईडी केवल मनी लॉन्ड्रिंग पर ही जांच को आगे ले जा सकती है टैक्स चोरी को लेकर नहीं। आनन-फानन में कंपनी को सील कर दिया गया। करीब 3000 के आसपास लोगों का रोजगार छिन गया। यही नहीं करीब 1600 ऐसे कर्मचारी थे जो स्थानीय लोगों के यहां किराए पर रहते थे उनका भी कमाई का साधन जाता रहा।सूत्रों के अनुसार कंपनी के प्रमुख के द्वारा जो लॉ कंपनी हायर की गई है उन्हें वह सबूत भी सौंपे जा चुके हैं जिनमें कथित नेताओं और दलालों के द्वारा 118 आदि के लिए पैसे खाए गए थे। राज्य कर एवं आबकारी विभाग के द्वारा टैक्स की भरपाई के लिए फैक्ट्री की नीलामी की जा रही है। तीन बार नीलामी प्रक्रिया अपनाई जा चुकी है मगर अभी तक इस जंक्यार्ड को खरीदने को लेकर किसी ने भी रुचि नहीं दिखाई है। विभाग के द्वारा 150 करोड़ रुपए नीलामी राशि रखी गई है ऐसे में बगैर जमीन क्लीयरेंस आदि को लेकर नीलामी हो पाएगी या नहीं इसको लेकर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।वही राज्य कर आबकारी विभाग के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने बताया कि तमाम प्रक्रिया और जांच पूरी तरह से निष्पक्ष और नियमानुसार की गई है। उन्होंने बताया कि फैक्ट्री में जो भी ऑक्शन में लोहा या अन्य सामान आदि रखा गया है वह कितनी मात्रा में और कैसा है उसको पूरी तरह से सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि विभागीय असेसमेंट से पहले स्पेशल ऑडिट अथवा ऑडिट अधिक कराए जाने का कोई औचित्य नहीं होता। जीतू ठाकुर ने यह भी बताया कि जो फैक्ट्री की 265 बीघा जमीन है वह पूरी तरह से साफ-सुथरी और फैक्ट्री के ही नाम है जिस पर किसी तरह का कोई डिस्प्यूट नहीं है।उन्होंने कहा कि जो फैक्ट्री परिसीमन से बाहर की जमीन है जिसकी सीआईडी जांच में बेनामी संपत्तियां है उनमें कोई डिस्प्यूट हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि फैक्ट्री पहले ही नीलाम हो जाती और रिकवरी भी हो जाती मगर एन वक्त पर सरकार के द्वारा उनका ट्रांसफर किसी दूसरी पोस्ट पर कर दिया गया था। उन्होंने कहा मौजूदा समय जो नीलामी की राशि रखी गई है वह पूरी तरह से पर्याप्त है उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि निश्चित रूप पर इस बार सरकार को नीलामी में सफलता मिलेगी और रिकवरी भी होगी।फैक्ट्री में निर्माण हुआ है या नहीं इसको लेकर जीडी ठाकुर ने कहा कि यदि निर्माण नहीं हुआ होता तो बिजली का करोड़ों का बिल नहीं आता। बरहाल, इंडियन टेक्नोमैक का मामला पूरी तरह से उलझा हुआ नजर आता है ऐसे में यदि नीलामी से रिकवरी हो जाती है तो यह बड़ी बात है अन्यथा इस पूरे प्रकरण की अब सीबीआई से जांच सरकार के द्वारा करवाया जाना जरूरी भी हो जाएगा।

    Follow on Google News Follow on Facebook
    Share. Facebook Twitter Email WhatsApp


    Demo

    Recent
    • सिरमौर के सुरेंद्र हिंदुस्तानी को रेलवे विकास निगम में मिली बड़ी जिम्मेदारी
    • बड़े स्तर पर अवैध खनन मारकंडा नदी में हो रहा है : डॉ बिंदल
    • उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक
    • जामना से पकड़ी 55 शीशीयां नशीला सिरप व 16,700 कैश, आरोपी गिरफ्तार
    • एवीएन स्कूल के दो विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा की मेरिट सूची में मिला स्थान
    Recent Comments
    • Sandeep Sharma on केन्द्र ने हिमालयी राज्यों को पुनः 90ः10 अनुपात में धन उपलब्ध करवाने की मांग को स्वीकार किया
    • Sajan Aggarwal on ददाहू मैं बिजली आपूर्ति में घोर अन्याय
    © 2025 Himachal Varta. Developed by DasKreative.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.