श्री रेणुका जी ( हिमाचल वार्ता न्यूज)ददाहू अस्पताल में आपातकालीन में डॉक्टर नहीं होने के कारण शुक्रवार को दो महिलाएं दर्द से तड़पती रही। लगभग सवा एक घंटे बाद डॉक्टर साहब अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मरीजों को देखने के लिए पहुंचे।मामला ददाहु अस्पताल का है जहां पर 6:30 बजे के करीब स्थानीय महिला पेट दर्द के कारण पहुंची थी लेकिन मौके पर डॉक्टर साहब नहीं मिले । इस बारे में जानकारी देते हुए सूनीता निवासी ददाहू ने बताया कि नर्स द्वारा डॉक्टर को फोन किया गया और एक पेन किलर मुझे लगा दिया गया लेकिन जांच के लिए डॉक्टर लगभग सवा घंटे बाद पहुंचे जिसके बाद उनका अल्ट्रासाउंड लिखा गया लेकिन वहां की हालत देख उन्होंने नाहन का रुख किया और नाहन में निजी अस्पताल जाकर अपना इलाज करवायाउन्होंने बताया कि इस दौरान एक 2 महीने की गर्भवती महिला भी बुखार से तड़पती नजर आई। वहां तैनात नर्स व कंपाउंडर भी गर्भवती महिला का इलाज करने में खुद को असमर्थ महसूस कर रहे थे बिना डॉक्टर के गर्भवती महिला का इलाज उसकी जान को खतरे में डाल सकता था। ददाहू के सिविल अस्पताल में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब आपातकालीन में डॉक्टर नहीं मिले हैं बल्कि अक्सर यहां पर आपातकालीन स्थिति में नर्स और कंपाउंडर ही मोर्चा संभालते हैं डॉक्टर अक्सर अपने घर लौट जाते हैं और घर से ही नर्स को फोन पर इलाज और दवाई लिखवा देते हैं।दरअसल फोन पर इलाज करना सीधे-सीधे मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ है ऐसा भी संभव है कि इससे पहले कई मरीज इस दर्द से गुजर चुके हो।वही जब इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला सिरमौर अजय पाठक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह स्वयं इस पूरे मामले की जांच करेंगे यह बेहद संवेदनशील मामला है मरीजों की जान के साथ किसी भी डॉक्टर को खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है अगर जांच में कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
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Saturday, May 18