शिमला ( हिमाचलवार्ता न्यूज़ ) राजधानी शिमला में इस बार बारिश के दौरान पेड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। पेड़ों को काटने के लिए कोई बड़ा फैसला राज्य सरकार के स्तर पर लिया जा सकता है। शीघ्र ही शहर के पेड़ों को काटने के लिए एक कमेटी का गठन होगा। कमेटी शहर के उम्र दराज यानी जो पेड़ 100 साल से ज्यादा के हो चुके हैं। उन पर कोई फैसला ले सकते हैं। इन पेड़ोंराजधानी शिमला में इस बार हुई बारिश में 500 से ज्यादा पेड़ गिर गए। इतने ही पेड़ों को काटने की मंजूरी दी गई है। अभी भी 800 से ज्यादा पेड़ ऐसे हैं, जिनको काटने के लिए आवेदन नगर निगम के पास लंबित पड़े हैं। नौ जुलाई से पहले ही शहर में 300 से ज्यादा पेड़ों को काटने के आवेदन नगर निगम के पास लंबित पड़े हैं। इन सभी पेड़ों को काटने के लिए ट्री कमेटी की ओर से शीघ्र ही निरीक्षण करने के बाद फैसला लिया जाना प्रस्तावित है। वन अधिकारियों की कालोनी के पास गिरे दर्जनों पेड़ शहर में वन अधिकारियों की कालोनी के पास ही दर्जनों पेड़ गिरे हैं। इन पेड़ों को काटने के लिए न ही अधिकारियों की ओर से कभी आवेदन किया गया, न ही किसी ने शिकायत विभाग के पास दी।लोगों की राहत के लिए नगर निगम काट रहा पेड़ बारिश में वन अधिकारियों के कार्यालय और उनके रिहायशी इलाकों में गिरे पेड़ों का आकार और आयु भी काफी ज्यादा रही। खलीणी में वन अधिकारियों की मिस चैंबर के नाम से कालोनी है, यहां पर एपीसीसीएफ स्तर के अधिकारी परिवार सहित रहते हैं। इसके बावजूद यहां पर भी पेड़ों के गिरने की आशंका का कई भी आंकलन पहले नहीं लगाया जा सका।
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Friday, May 16