नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज) (एसपी जैरथ): – देशभर में चुनावी बेला चरम पर है इस दौरान तमाम राजनीतिक दलों द्वारा अपनी शीर्ष नेतृत्व समेत पूर्व में शीर्ष पदों पर रही हस्तियों को भी प्रचार प्रसार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है , लेकिन हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश का 6 बार नेतृत्व करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और आधुनिक हिमाचल के निर्माता कहे जाने वाले वीरभद्र सिंह को हाशिए पर धकेल दिया है।
चुनावी पोस्टर में जहां पहले नंबर पर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी को स्थान दिया है , वहीं राहुल गांधी और सोनिया गांधी को भी शीर्ष पर रखा गया है , जबकि कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के को चौथे स्थान पर तरजीह दी गई है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला , हिमाचल कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी इस चुनावी पोस्टर में स्थान दिया गया है। यही नहीं नाहन कांग्रेस मंडल द्वारा जो चुनावी पोस्टर जारी किया गया है , उसमें स्थानीय विधायक अजय सोलंकी और शिमला संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी को प्रमुखता से स्थान दिया गया है। गुरुवार को कांग्रेस भवन में आयोजित इंडिया गठबंधन की संयुक्त पत्रकार वार्ता में कांग्रेस पार्टी द्वारा जो चुनावी बैनर लगाया गया था , लेकिन इस चुनावी बैनर में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को कहीं भी स्थान नहीं मिला है। इस बारे में जब मीडिया कर्मियों द्वारा पत्रकार वार्ता में मौजूद मंडल कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य कांग्रेस नेताओं से पूछा तो उन्होंने इसे हंसी में डालते हुए कहा कि हो सकता है कि भूल से पूर्व मुख्यमंत्री की फोटो छूट गई हो। हैरत की बात तो यह है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा उस नेता को बिसराया गया है जिसने हिमाचल प्रदेश का 6 बार नेतृत्व किया है। आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह एकमात्र ऐसे नेता है जो हिमाचल प्रदेश में छह बार मुख्यमंत्री रहे हैं। यही नहीं वह न केवल हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं बल्कि केंद्र में भी मंत्रिमंडल में उन्हें प्रमुखता से शामिल किया गया था।
हैरत की बात यह है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा पूर्व सीएम को चुनावी पोस्टर से दूर रखा गया है , जबकि हिमाचल प्रदेश में वीरभद्र सिंह ऐसे जननायक थे जिनकी आम लोगों के बीच खासी पकड़ थी। आपको बता दें कि पूर्व में विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी द्वारा वीरभद्र सिंह के नाम का खूब इस्तेमाल किया गया , लेकिन लोकसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह को चुनावी पोस्टर में स्थान न देना लोगों के गले नहीं उतर रहा है।