नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज) (एसपी जैरथ):- देश भर में पहले जून को लोकसभा चुनाव का अंतिम चरण समाप्त हो जाएगा। मतदान प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत 4 जून को पूरे देश में एक साथ मतों की गिनती आरंभ हो जाएगी , लेकिन यह लोकसभा के चुनाव कई नेताओं का भविष्य तय करेंगे। खासकर यदि बात हिमाचल प्रदेश की करें तो हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बाद कई मंत्रियों के पोर्टफोलियो बदल सकते हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री और पार्टी हाई कमान ने सभी मंत्रियों और विधायकों को दो टूक कह दिया है कि लोकसभा चुनाव में अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपनी लोकप्रियता बरकरार रखें। सूत्रों की माने तो जिस विधानसभा क्षेत्र से संबंधित विधायक की परफॉर्मेंस बेहतर नहीं रहेगी उसे पार्टी हाशिए पर धकेल सकती है।
खासकर यदि मंत्रियों की बात करते हैं तो मंत्रियों के लिए यह लोकसभा का चुनाव अग्नि परीक्षा से काम नहीं है। पार्टी सूत्रों का कहना है की लोकसभा चुनाव में पार्टी है हाई कमान ने सभी मंत्रियों को दो टूक कह दिया है कि यदि अपने निर्वाचन क्षेत्र में संबंधित मंत्री लीड नहीं दिला पाया तो उसका पोर्टफोलियो बदलना तय है। यही नहीं सूत्रों का तो यह भी कहना है कि कई मंत्रियों से मंत्रालय भी छीने जा सकते हैं और बेहतर परफॉर्मेंस देने वाले विधायक को हरी झंडी मिल सकती है। साथ ही बताते हैं कि लोकसभा चुनाव के उपरांत सरकार द्वारा पिछले 16 महीनों से रिक्त पड़े निगम और बोर्डो के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों के पदों पर भी तैनाती की जानी है। इन पदों पर भी उन्हीं नेताओं को तवज्जो दी जाएगी , जिसकी अपने क्षेत्र में बेहतर परफॉर्मेंस रहेगी।
भले ही वह विधानसभा का चुनाव हार चुका हो , लेकिन यदि लोकसभा चुनाव में उसकी परफॉर्मेंस बेहतर रही तो उसे निगम और बोर्ड में कुर्सी मिल सकती है। अब देखना यह है की 4 जून को कौन मंत्री पार्टी की उम्मीद पर खरा उतरता है और किसकी परफॉर्मेंस बेहतर रहेगी। बताते है कि पार्टी हाई कमान ने सभी मंत्रियों को दो टूक कह दिया है कि यदि परफॉर्मेंस अच्छी नहीं रही तो उनके मंत्रालय के बारे में पार्टी हाई कमान और सरकार एक बार फिर से विचार कर सकती है।
अब देखना यह है कि 4 जून को ऊंट किस करवट बैठता है। भले ही पार्टी के कुछ लोग ही दबी जुबान में यह भी कहते हैं कि सरकार द्वारा जो विधानसभा चुनाव में जनता को गारंटरयां दी गई थी उनमें से अधिकतर गारंटी या अभी फाइलों में ही दम तोड़ रही है। बताते हैं कि सरकार ने अभी तक हिमाचल प्रदेश में ओपीएस तो लागू कर दी है , लेकिन अभी तक ना तो प्रदेश की सभी महिलाओं को प्रति महीने 15 सो रुपए मिले हैं और ना ही विकास कार्य उस गति से हो रहे हैं जिसको लेकर जनता ने कांग्रेस पार्टी वोट दिया था।