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    सिरमौर

    मारकंडा नदी के तेज बहाव से दर्जनभर उद्योगों पर मंडराया संकट

    By Himachal VartaAugust 25, 2024
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    नाहन  ( हिमाचल वार्ता न्यूज):- औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में मारकंडा नदी से सटे उद्योगों पर संकट मंडराने लगा है। दरअसल, ओगली में मारकंडा नदी के तेज बहाव से डंगा क्षतिग्रस्त हो गया है। इससे सड़क का काफी हिस्सा भी टूट चुका है। सड़क के साथ एक दर्जन उद्योग स्थापित हैं, यहां लगातार हो रहे भूमि कटाव से कभी भी 300 मीटर सड़क धवस्त हो सकती है। मौजूदा स्थिति ये है कि उद्योगों में ट्रांसपोर्टेशन का कार्य ठप पड़ गया है।

    उद्योगों से तैयार माल बाहर भेजने और कच्चा माल यहां तक पहुंचाने के लिए उद्ममियों को छोटे वाहनों को लेकर अतिरिक्त शुल्क देना पड़ रहा है। कई वाहन यहां अपने जोखिम पर पहुंच रहे हैं। यदि यहां जल्द डंगा नहीं लगता तो सड़क कभी भी अवरूद्ध हो सकती है। साथ ही उद्योगों और स्थानीय लोगों की जान और माल को भी खतरा पैदा हो सकता है।

    मौके से प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां विशिष्ट अलॉय के साथ 10 लाख रुपये की लागत से डंगा लगाया गया था, जो गिर चुका है। इसके चलते इस सड़क के साथ सटी औद्योगिक इकाइयों पर माल ढुलाई के लिए भारी वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। लिहाजा, उद्योगपति आपसी सहयोग से क्षतिग्रस्त डंगे के एक हिस्से को ठीक करवा रहे हैं, ताकि आवाजाही पूरी तरह ठप न हो।

    यहां ये भी बताना जरूरी है कि ये सड़क सरकार द्वारा बनाए गए करोड़ों रुपये के ट्रीटमेंट प्लांट तक भी जाती है। अब यदि ये सड़क धवस्त होती है तो ट्रीटमेंट प्लांट को ले जाई जाने वाली गार्बेज भी रुक जाएगी। इन उद्योगों से सरकार को लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। ऐसे में सरकार की भी जिम्मेदारी बनती है कि उद्योगों सहित स्थानीय लोगों को रास्ते को सरकारी खर्च पर ही रिटेनिंग वॉल लगाकर सुरक्षा प्रदान की जाए।

    स्थानीय निवासी रंगलाल, सुभाष, सुरेंद्र और हरिंद्र शर्मा समेत उद्योगपति अशोक विशिष्ट, शिवम विशिष्ट, हरिदत्त शर्मा, राजीव और अरूण आदि ने सरकार व प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि मारकंडा नदी के साथ टूटी रिटेनिंग वॉल को आपदा प्रबंधन के फंड के तहत फिर से तैयार किया जाए। इसके लिए कुशल इंजीनियर से परामर्श लिया जाए, ताकि हर साल मारकंडा नदी में आने वाली बाढ़ से उद्योगों और स्थानीय लोगों की जान और माल को सुरक्षा मिल सके।

    उधर, मेंबर सेकेट्री डीआईसी रचित शर्मा ने बताया कि नदी के साथ लगते डंगे के लिए 10 रुपये का पहले सहयोग किया जा चुका है। उद्योगपतियों व सरकार के सहयोग से नदी के साथ रिटेनिंग वॉल लगाए जाने को लेकर योजना बनाई जाएगी।

    वहीं, एडीसी सिरमौर एलआर वर्मा ने बताया कि समस्या गंभीर है। लिहाजा, संबंधित विभागों को तुरंत समाधान के लिए निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन के तहत बजट का प्रावधान कर सड़क के साथ रिटेनिंग वॉल लगाकर उद्योगों व स्थानीय लोगों के जान व माल को सुरक्षित किया जाएगा।

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