Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Breakng
    • श्रीरेणुकाजी में गुरु पूर्णिमा पर गुरु-शिष्य परंपरा का भावपूर्ण निर्वहन
    • सिरमौर में भारी बारिश से ₹1.32 करोड़ का नुकसान और 43 सड़कें बंद
    • पच्छाद में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के 7 पद भरे जाएंगे- सीडीपीओ
    • रोटरी के नवनियुक्त प्रधान ने की उपायुक्त प्रियंका वर्मा से मुलाकात
    • छेड़छाड़ का आरोपी शिक्षक 14 दिन के ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेजा..
    • विधान सभा उपाध्यक्ष का सिरमौर प्रवास कार्यक्रम
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Himachal Varta
    • होम पेज
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सिरमौर
      • ऊना
      • चंबा
      • लाहौल स्पीति
      • बिलासपुर
      • मंडी
      • सोलन
      • कुल्लू
      • हमीरपुर
      • किन्नोर
      • कांगड़ा
    • खेल
    • स्वास्थ्य
    • चण्डीगढ़
    • क्राइम
    • दुर्घटनाएं
    • पंजाब
    • आस्था
    • देश
    • हरियाणा
    • राजनैतिक
    Friday, July 11
    Himachal Varta
    Home»हिमाचल प्रदेश»सिरमौर»आजादी के 78 साल बाद भी नेडा गांव के लोग सर पर पानी ढोने को मजबूर
    सिरमौर

    आजादी के 78 साल बाद भी नेडा गांव के लोग सर पर पानी ढोने को मजबूर

    By Himachal VartaApril 25, 2025
    Facebook WhatsApp

    नाहन( हिमाचल वार्ता न्यूज़) (एसपी जैरथ):- देश को आजादी मिले 78 साल बीत गए हैं बावजूद इसके प्रदेश में अभी भी कई गांव ऐसे हैं जहां पीने की समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है। गर्मियों के मौसम शुरू होते ही सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र  के नेडा गांव के लोग पीने के पानी के लिए त्राहि त्राहि कर रहे हैं। लगभग 40 परिवार वाले इस गांव में कभी कभार ही पानी आता है। ऐसे में गांव की औरतों को लगभग 2 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई चढ़कर पानी ढोने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जल शक्ति विभाग की लापरवाही की वजह से उन्हें खड्ड का गंदा पानी पीना पड़ रहा है।स्थानीय लोगों कहना हे की गर्मियां बढ़ाने के साथ भी पहाड़ों पर पीने के पानी की समस्याएं सामने आने लगी है सिरमौर जिले के शिलाई क्षेत्र में कई गांव में पेयजल समस्याएं शुरू हो गई है।

    क्षेत्र नेडा गांव के लोग पीने के पानी के लिए कड़ी मशक्कत करने को मजबूर है। हालांकि इस गांव को उठाऊ पेयजल योजना से जोड़ा गया है मगर, कर्मचारियों के लापरवाही की वजह से ग्रामीणों को कभी कभार ही पानी मिल पाता है। जितनी सप्लाई आती है वह इंसानों और पशुओं की जरूरत को पूरा नहीं कर पाती।

    महीने के लगभग 20 दिन तो नेडा गांव में पानी की सप्लाई नहीं आती है। ऐसे में गांव की महिलाओं को 2 किलोमीटर नीचे उतर कर खड्ड से दूषित पानी लेकर आती हैं। गांव की महिलाएं सर पर पानी के बड़े-बड़े बर्तन रखकर खड़ी चढ़ाई चढ़ कर जरूर का पानी घरों पहुंचती हैं।

    यह तस्वीर नेडा गांव की मजबूर महिलाओं की हैं। महिलाओं को पानी के बर्तन के नीचे दिन में 10 से 15 बार यह चढ़ाई चड़नी पड़ती है। बुजुर्ग महिलाओं के हालत देखिए, हाथों में डंडा लेकर सिर पर पानी का बर्तन उठाएं चढ़ाई पड़ रही है।

    यहां पानी को लेकर पिछले दो महीना से यह स्थिति बनी हुई है। महिलाओं के इतने बदतर हालत देखकर भी जल शक्ति विभाग को कुव्यवस्था को दुरुस्त नहीं कर रहा है। जल शक्ति विभाग की लापरवाही की वजह से ग्रामीण महिलाओं का जीवन पानी की जरूरत है पूरा करने में ही बीत रहा है।

    ग्रामीण बार बार विभाग और प्रशासन से उनके गांव को पानी सप्लाई पहुंचने की गुहार लगा रहे हैं। मगर सुनवाई नहीं हो रही है।

    Follow on Google News Follow on Facebook
    Share. Facebook Twitter Email WhatsApp


    Demo

    Recent
    • श्रीरेणुकाजी में गुरु पूर्णिमा पर गुरु-शिष्य परंपरा का भावपूर्ण निर्वहन
    • सिरमौर में भारी बारिश से ₹1.32 करोड़ का नुकसान और 43 सड़कें बंद
    • पच्छाद में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के 7 पद भरे जाएंगे- सीडीपीओ
    • रोटरी के नवनियुक्त प्रधान ने की उपायुक्त प्रियंका वर्मा से मुलाकात
    • छेड़छाड़ का आरोपी शिक्षक 14 दिन के ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेजा..
    Recent Comments
    • Sandeep Sharma on केन्द्र ने हिमालयी राज्यों को पुनः 90ः10 अनुपात में धन उपलब्ध करवाने की मांग को स्वीकार किया
    • Sajan Aggarwal on ददाहू मैं बिजली आपूर्ति में घोर अन्याय
    © 2025 Himachal Varta. Developed by DasKreative.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.