नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज़)(एसपी जैरथ):- एनजीटी के आदेश पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सख्त कार्रवाई की, तीन बड़े उद्योगों पर अभी भी करोड़ों का जुर्माना बकाया
मरकंडा नदी को प्रदूषित करने वाले उद्योगों पर हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कड़ी कार्रवाई की है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देश पर पांच औद्योगिक इकाइयों पर कुल 68 लाख 18 हजार 250 रुपये का जुर्माना लगाया गया। इनमें से तीन प्रमुख इकाइयों पर अब भी 59 लाख 21 हजार 250 रुपये बकाया हैं।
मेसर्स सागर कथा फैक्ट्री ने 2.75 लाख रुपये और मेसर्स मेडिकिंग लाइफ साइंस ने 2.62 लाख रुपये का जुर्माना चुका दिया है। वहीं, मेसर्स सिम्बायोसिस फार्मास्युटिकल प्राइवेट लिमिटेड पर सबसे अधिक 43 लाख 68 हजार 750 रुपये, मेसर्स एक्यूरा केयर फार्मास्युटिकल पर 7 लाख 81 हजार 250 रुपये और मेसर्स साई टेक मेडिकेयर प्राइवेट लिमिटेड पर 11 लाख 31 हजार 250 रुपये का जुर्माना बकाया है
मेसर्स एवलिन कॉस्मेटिक प्राइवेट लिमिटेड की ओर से लगातार नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर बोर्ड ने उसकी बिजली आपूर्ति काटने की सिफारिश की है।
बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जांच के दौरान मरकंडा नदी के किनारे किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं पाया गया है। एनजीटी के निर्देश पर लिए गए पानी के नमूनों की रिपोर्ट जल्द सौंपी जाएगी।
पवित्र मरकंडा नदी में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी के साथ हिमाचल और हरियाणा प्रदूषण बोर्डों ने संयुक्त जांच की थी। जांच में सामने आया कि क्षेत्र के कुछ उद्योगों ने ट्रीटमेंट प्लांट लगाए हैं और कुछ जगहों पर घरेलू सीवेज प्रबंधन की कोशिशें भी की जा रही हैं। इसके बाद अवैध कचरा डंपिंग पर रोक लगाने के लिए निगरानी बढ़ा दी गई है।
एनजीटी का आदेश मरकंडा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाना और पर्यावरणीय नियमों का कठोर अनुपालन सुनिश्चित करना है। अब बोर्ड के लिए बकाया जुर्माना वसूलना और बिजली कटौती की सिफारिश पर अमल करना अगला कदम होगा।