नाहन( हिमाचल वार्ता न्यूज) (एसपी जैरथ):– एकता तरफ तो हिमाचल प्रदेश सरकार प्रदेश की जनता को घर द्वार पर स्वास्थ्य और सड़क सुविधा मुहैया करवाने की बात करती है , दूसरी ओर आजादी के सात दशक बाद भी प्रदेश के कई क्षेत्रों से भयाभय तस्वीर सामने आ रही है । यह तस्वीर न केवल सिरमौर , कुल्लू और मंडी जिला की है , बल्कि प्रदेश के विकसित जिलों में शुमार कांगड़ा से भी ऐसी ही एक भयानक तस्वीर सामने आई है जहां ग्रामीण मरीज को बांस के डंडों पर उठाकर अस्पताल पहुंचा रहे हैं। मामला कांगड़ा जिला के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के भेडू तल्ला ऊणी गांव जहां ग्रामीण एक मरीज को चारपाई पर उठा कर अस्पताल पहुंच रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि राजनेता चुनाव के दौरान तो बड़े-बड़े वादे करते हैं लेकिन चुनाव जीतने के उपरांत वह ग्रामीणों की सुध नहीं लेते हैं । ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने इस बारे में न केवल स्थानीय विधायक केवल सिंह पठानिया , बल्कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी कई मर्तबा गुहार लगाई है , लेकिन स्थिति जस की तस है । वहीं दूसरी और जिला सिरमौर की गिरिपार क्षेत्र से भी ऐसी एक तस्वीर सामने आई है । जहां ग्रामीण एक मरीज को चारपाई पर उठाकर अस्पताल पहुंचा रहे हैं।
जिला सिरमौर के राजपुर पंचायत के दाना गांव में एक मरीज को ग्रामीण चारपाई पर उठाकर अस्पताल पहुंचाते देखा गया । लोगों का कहना है कि एक तरफ तो सरकार डिजिटल इंडिया की बात करती है और डिजिटल युग के चलते हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों की पीजीआई से सेटेलाइट की मार्फ़त हेल्थ सर्विसेज देने की बात करती है। वही एम्स जैसी स्वास्थ्य संस्थान खोल कर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावे करती है।
लेकिन प्रदेश सरकार के तमाम उन दावों की पोल ये तस्वीरें बयां करती है। जहां लोग मरीजों को आज भी चारपाई या बांस के डंडों में बांधकर अस्पताल पहुंचाते हैं ।ग्रामीणों का कहना है कि भले ही सुखविंदर सिंह सुक्खू कई स्थानों पर सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम चलाकर रात बिताने का ढोंग रचती है लेकिन लेकिन ग्रामीणों को क्या परेशानी है इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं