चंडीगढ़। पंजाब में उच्च शिक्षा के मानक को और ऊँचा उठाने के लिए मंत्रीमंडल द्वारा मंगलवार को 11 और कॉन्स्टीटूएंट कॉलेजों को वर्ष 2016-17 से 2020-21 के लिए 1.5 करोड़ रुपए प्रति कॉलेज प्रति वर्ष के हिसाब से कुल 75.75 करोड़ रुपए का आवर्ती अनुदान मंज़ूर किया गया है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन कैबिनेट ने भविष्य में इन कॉलेजों के लिए प्रति कॉलेज प्रति वर्ष के लिए 1.5 करोड़ रुपए का नियमित बजट उपबंध करने की भी मंज़ूरी दे दी। इससे ऐसे कॉलेजों की संख्या 30 हो गई, जिनको राज्य सरकार द्वारा आवर्ती अनुदान दिया जा रहा है।
इन कॉलेजों में पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के तीन कॉलेज यूनिवर्सिटी कॉलेज धुरी (संगरूर), यूनिवर्सिटी कॉलेज बहादुरपुर (मानसा) और यूनिवर्सिटी कॉलेज बरनाला, गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी कॉलेज अमृतसर के छह कॉलेज यूनिवर्सिटी कॉलेज पठानकोट, यूनिवर्सिटी कॉलेज सुजानपुर, बाबा नामदेव यूनिवर्सिटी डिग्री कॉलेज किशनकोट (गुरदासपुर), यूनिवर्सिटी कॉलेज फिल्लौर (जालंधर), यूनिवर्सिटी कॉलेज नकोदर (जालंधर) और यूनिवर्सिटी कॉलेज कलानौर (गुरदासपुर) और पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के दो कॉलेज यूनिवर्सिटी कॉलेज फिऱोज़पुर और यूनिवर्सिटी कॉलेज धर्मकोट (मोगा) शामिल हैं।
यह अनुदान कॉलेजों के अध्यापकों को समय पर वेतन अदा करने को यकीनी बनाने के अलावा विद्यार्थियों को मानक शिक्षा मुहैया करवाने में सहायक सिद्ध होगा।
इसी दौरान मंत्रीमंडल द्वारा एक अन्य फ़ैसले में सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग के साल 2018-19 की सालाना प्रशासनिक रिपोर्ट को मंज़ूरी दे दी।
विभाग द्वारा इस समय के दौरान सभी सामाजिक सुरक्षा स्कीमों को सफलतापूर्वक लागू किया गया, जिनमें बुढ़ापा पैंशन, विधवा और निराश्रित महिलाओं, आश्रित बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों एवं तेज़ाब पीडि़तों को वित्तीय सहायता, महिलाओं के सशक्तिकरण से सम्बन्धित स्कीम, महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अत्याचार और अपराध को रोकने सम्बन्धी एक्ट को लागू करना, संगठित बाल विकास स्कीम, संगठित बाल सुरक्षा स्कीम, दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण से सम्बन्धित स्कीमों और सम्बन्धित एक्ट को लागू करना और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण सम्बन्धी स्कीम शामिल हैं।
जि़क्रयोग्य है कि साल 2018-19 के दौरान राजस्व के पक्ष से 255981.81 लाख रुपए और कैपिटल पक्ष पर 261.50 लाख रुपए बजट उपबंध था, जिसमें से राजस्व पक्ष से 240969.63 लाख रुपए और कैपिटल पक्ष पर 58.50 लाख रुपए ख़र्च हुए हैं।