Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Breakng
    • समय पर चिकित्सा नही मिलने से राजगढ़ में दो की मौत, एम्बुलेंस सड़क को लेकर एसडीएम को ज्ञापन
    • नशा तस्कर रवि कुमार को 11 साल की कैद और एक लाख का जुर्माना
    • सैनवाला स्कूल के छात्रों ने विप्रो अर्थियन अवार्ड में प्रदेश में पाया पहला स्थान
    • अरिहंत इंटरनेशनल स्कूल की आयुषी शर्मा ने 95.6प्रतिशत अंक झटके, सीबीएसई जमा दो का शत प्रतिशत रहा रिज़ल्ट
    • मेडिकल कॉलेज को लेकर भाजपा व नाहन की जनता का बडा चौक में धरना : डा बिंदल
    • किरयाना की दुकान से 06 लीटर पकड़ी शराब
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Himachal Varta
    • होम पेज
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सिरमौर
      • ऊना
      • चंबा
      • लाहौल स्पीति
      • बिलासपुर
      • मंडी
      • सोलन
      • कुल्लू
      • हमीरपुर
      • किन्नोर
      • कांगड़ा
    • खेल
    • स्वास्थ्य
    • चण्डीगढ़
    • क्राइम
    • दुर्घटनाएं
    • पंजाब
    • आस्था
    • देश
    • हरियाणा
    • राजनैतिक
    Thursday, May 15
    Himachal Varta
    Home»हरियाणा»हरियाणा एमएसएमई निदेशालय ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद – केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन के सहयोग से राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के विकास को गति देने के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
    हरियाणा

    हरियाणा एमएसएमई निदेशालय ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद – केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन के सहयोग से राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के विकास को गति देने के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

    By Himachal VartaDecember 16, 2020
    Facebook WhatsApp

    चंडीगढ़(हिमाचलवार्ता)। हरियाणा एमएसएमई निदेशालय ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद – केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईआर- सीएसआईओ) के सहयोग से राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के विकास को गति देने के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका मुख्य फोकस नवीनतम प्रौद्योगिकी को अपनाते हुए नवाचार पर ध्यान केंद्रित करना है।

    एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए निरन्तर ईको सिस्टम पर बल दे रही है। भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एमएसएमई को नई परिभाषा दी गई है। इससे इस क्षेत्र का दायरा बढऩे की व्यापक संभावनाएं बढ़ी हैं। इस कड़ी में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल एमएसएमई के लिए एक अलग से निदेशालय स्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय पहले ही ले चुके हैं।

    प्रवक्ता ने बताया कि एमएसएमई निदेशालय राज्य में उद्योागें को विकसित करने तथा व्यापारियों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। निदेशालय का मुख्य उद्देश्य सक्रिय तरीके से सहयोग कर एमएसएमई उद्यमियों को सुविधाएं प्रदान करना एवं उन्हें सलाह देना कि किस प्रकार से उनके व्यापार को बढ़ावा देने के अंतराल को पाटा जा सके। इसके साथ-साथ निदेशालय कारोबार में आने वाली चुनौतियों व शिकायतों का समाधान फास्ट ट्रैक तरीके से करने के साथ-साथ नीति निर्धारण को तर्कसंगत बनाने का कार्य भी करेगा।

    प्रवक्ता ने बताया कि चंडीगढ़ में सीएसआईआर – सीएसआईओ एक राष्ट्रीय प्रयोगशाला संचालित है जो वैज्ञानिक और औद्योगिक उपकरणों के अनुसंधान, डिजाइन और विकास के लिए कार्य करती है और यह सीएसआईआर की घटक प्रयोगशालाओं में से एक है। उन्होंने  बताया कि सीएसआईओ माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक, ऑप्टिक्स, एप्लाइड फिजिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के विकास में सहयोग देता है। सीएसआईआर खाद्य, कृषि, स्वास्थ्य एवं पुनर्वास, एवियोनिक्स, स्नो और रणनीतिक क्षेत्र में भूकंपीय निगरानी, सार्वजनिक सुरक्षा और जैव तथा नैनो विज्ञान के क्षेत्र में नागरिक सुरक्षा के लिए भूस्खलन और संरचना स्वास्थ्य निगरानी के विभिन्न आरईडी कार्यक्रम भी क्रियान्वित कर रहा है।

    प्रवक्ता ने बताया कि इस समझौता ज्ञापन के बाद एमएसएमई निदेशालय और सीएसआईआर-सीएसआईओ विभिन्न कृषि प्रौद्योगिकियों जैसे कि उन्नत कृषि – उपकरण, उन्नत छिडक़ाव प्रौद्योगिकी, स्मार्ट और स्वचालित इलेक्ट्रोस्टैटिक स्प्रेयर इत्यादि के विकास में एमएसएमई की सहायता के लिए एक सहयोगी ढांचा तैयार करने के लिए संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। निदेशालय और सीएसआईआर-सीएसआईओ सरकारी निजी या अन्य एजेंसियों द्वारा वित्त पोषित विभिन्न संबंधित परियोजनाओं पर भी परस्पर सहयोग करेंगे।

    इसके अलावा, निदेशालय की पहल होगी कि उद्योग को सुगम बनाने के लिए उद्योग शैक्षणिक लिंकेज करने में भी सहयोग किया जाए और एमएसएमई के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार को सुदृढ़ करने के लिए राज्य में अनुसंधान एवं विकास का एक उद्यमशीलता-मैत्री वातावरण सृजित हो।

    Follow on Google News Follow on Facebook
    Share. Facebook Twitter Email WhatsApp


    Demo

    Recent
    • समय पर चिकित्सा नही मिलने से राजगढ़ में दो की मौत, एम्बुलेंस सड़क को लेकर एसडीएम को ज्ञापन
    • नशा तस्कर रवि कुमार को 11 साल की कैद और एक लाख का जुर्माना
    • सैनवाला स्कूल के छात्रों ने विप्रो अर्थियन अवार्ड में प्रदेश में पाया पहला स्थान
    • अरिहंत इंटरनेशनल स्कूल की आयुषी शर्मा ने 95.6प्रतिशत अंक झटके, सीबीएसई जमा दो का शत प्रतिशत रहा रिज़ल्ट
    • मेडिकल कॉलेज को लेकर भाजपा व नाहन की जनता का बडा चौक में धरना : डा बिंदल
    Recent Comments
    • Sandeep Sharma on केन्द्र ने हिमालयी राज्यों को पुनः 90ः10 अनुपात में धन उपलब्ध करवाने की मांग को स्वीकार किया
    • Sajan Aggarwal on ददाहू मैं बिजली आपूर्ति में घोर अन्याय
    © 2025 Himachal Varta. Developed by DasKreative.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.