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    हिमाचल प्रदेश

    मंत्रिमण्डल ने नई आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम नीति-2019 को भी मंजूरी

    By Himachal VartaOctober 25, 2019
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    शिमला। प्रदेश मंत्रिमण्डल की आज यहां आयोजित बैठक में आयुष नीति-2019 को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसके अंतर्गत लोगों को किफायती दरों पर आयुष सेवाएं उपलब्ध होंगी। इसके लिए आयुष अस्पतालों और औषधालयों को स्तरोन्नत किया जाएगा। इस नीति का प्रमुख उद्देश्य द्वितीय एवं तृतीय स्तर पर आयुष चिकित्सा पद्धति को स्तरोन्नत एवं सुदृढ़ कर रोगियों को आयुर्वेद स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार के लिए प्रेरित करना है।
    मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बैठक की अध्यक्षता की।
    प्रदेश सरकार पहली बार हिमाचल प्रदेश राज्य आयुष नीति लेकर आई है जिसके अंतर्गत आयुष एवं आरोग्य क्षेत्र में संभावित निवेशकों के लिए आकर्षक प्रोत्साहनों को शामिल किया गया है। इस नीति के तहत आयुष थेरेपी यूनिट को स्थापित करने के लिए पूंजी सब्सिडी पर 25 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है, जो अधिकतम एक करोड़ रुपये तक हो सकता है। इसमें भूमि पर किया गया खर्च शामिल नहीं होगा तथा ऋण पर चार प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा जो प्रति वर्ष अधिकतम 15 लाख रुपये होगा। सात वर्षों के लिए 75 प्रतिशत की दर से शुद्ध एसजीएसटी प्रतिपूर्ति की सुविधा दी जाएगी। ऊर्जा बचत, पर्यावरण संरक्षण तथा महिला उद्यमियों के लिए भी विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त हिमाचली लोगों को रोज़गार प्रदान करने के लिए सहायता दी जाएगी तथा चयनित परियोजनाओं में लीज रेंट और स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी।
    मंत्रिमण्डल ने नई आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम नीति-2019 को भी मंजूरी प्रदान की है ताकि हिमाचल प्रदेश को इन क्षेत्रों में निवेश के लिए देश का प्रमुख क्षेत्र बनाया जा सके। इस नीति में अधोसंरचना प्रोत्साहन प्रणाली विकसित करने की परिकल्पना की गई है जो आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके।

    इसी प्रकार वहन योग्य आवासीय नीति-2019 को भी मंत्रिमण्डल ने स्वीकृति प्रदान की। इसका प्रमुख उद्देश्य शहरी गरीबों के पुनर्वास और सभी नई आवासीय परियोजनाओं में मिश्रित आवासीय विकास को प्रोत्साहित करना है।

    बैठक में हि.प्र. काश्तकारी एवं भू-सुधार नियमों के नियम 38 (ए)(3)(एफ) के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश में पर्यटन इकाइयां स्थापित करने के इच्छुक गैर कृषकों को राज्य में भूमि खरीदने के उद्देश्य से अनिवार्यता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए पर्यटन विभाग के संशोधित मापदंडों को स्वीकृति प्रदान की गई। इच्छुक निवेशक को अपनी पर्यटन परियोजना की प्रारम्भिक परियोजना रिपोर्ट पर्यटन विभाग के निदेशक को सौंपनी होगी, जिसके लिए वह अनिवार्यता प्रमाण पत्र चाहता है। विभागीय निदेशक संबंधित पर्यटन परियोजना के लिए आवश्यक भूमि का आकलन करेंगे।

    मंत्रिमण्डल ने रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथाॅरिटी (रेरा) की स्थापना को मंजूरी प्रदान की ताकि राज्य में रियल एस्टेट क्षेत्र का विनियमन करने के साथ-साथ इस क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जा सके। इस प्राधिकरण के प्रबन्धन के लिए अध्यक्ष एवं सदस्यों सहित विभिन्न श्रेणियों के कुल 46 पद सृजित करने का निर्णय लिया गया है।

    बैठक में एक नई योजना मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना को स्वीकृति प्रदान की गई। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आजीविका के अपार अवसर उपलब्ध करवाने के साथ-साथ प्रदेश के पारम्परिक हस्तशिल्प, हथकरघा एवं शिल्पकारों को संरक्षण प्रदान करना है। यह योजना युवाओं को अपनी दक्षता मे स्तरोन्नयन करने में सहायता प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें पारम्परिक कौशल से जोड़ने और अपने उत्पादों की बिक्री के लिए भी सहायक सिद्ध होगी।

    पूर्व प्रधानमंत्री भारत रतन अटल बिहारी वाजपेयी की देश के प्रति दी गई सेवाओं के सम्मान में शिमला और मनाली में उनकी प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया गया।

    मंत्रिमण्डल ने नशे के चंगुल में फंसे युवाओं के पुनर्वास के उद्देश्य से बिलासपुर, सोलन, कुल्लू, शिमला और नूरपुर में एकीकृत पुनर्वास केन्द्र खोलने का निर्णय लिया। इन केन्द्रों में नशे से प्रभावित युवाओं के उपचार की सुविधा होगी।

    बेसहारा छोड़े गए पशुओं की समस्या के समाधान के उद्देश्य से मंत्रिमण्डल ने शिमला ज़िला की जुब्बल तहसील के अंतर्गत अंटी पटवार वृत के मोहाल चिंग धर्माणा में पशु पालन विभाग की वन भूमि को श्रीमद्भगवत गीता प्रचार एवं जन जागरण सभा, ननखड़ी, ज़िला शिमला को गौसदन के निर्माण के लिए हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है।

    बैठक में मंडी ज़िला के ढीम कटरू, धरोट, सरोआ, बागाचनोगी, मुरह और सैंज तथा कुल्लू ज़िला के मंगलौर में राजकीय रेशम उत्पादन केन्द्र स्थापित करने को मंजूरी दी गई। इन केन्द्रों के समुचित प्रबन्धन के लिए सेरीकल्चर इंस्पेक्टर और माली/बेलदार के सात-सात पद सृजित करने का निर्णय भी लिया गया।

    उद्योग विभाग में अनुबंध आधार पर विस्तार अधिकारी (उद्योग) के छः पद भरने का निर्णय लिया गया है।

    बिलासपुर ज़िला के झंडुता में नया फायर सब-स्टेशन स्थापित करने को मंजूरी प्रदान की गई है, जिसके लिए विभिन्न श्रेणियों के 23 पद सृजित किए जाएंगे।

    मंत्रिमण्डल ने मंडी ज़िला के पुलिस थाना गोहर के अंतर्गत कांडा-बगशयाड़, शरण तथा मुरहग पंचायतों को पुलिस थाना जंजैहली में शामिल करने का निर्णय लिया है।
    श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय मेडिकल काॅलेज नैरचैक में राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से विभिन्न संकाय के 15 पद नियमित आधार पर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई है।
    लोक निर्माण विभाग में तहसीलदार के तीन पदों के सृजन एवं इन्हें भरने का भी निर्णय लिया गया है।
    इसके अतिरिक्त बैठक में लोगों की सुविधा के लिए कांगड़ा ज़िला के हरिपुर में लोक निर्माण विभाग का नया उप-मण्डल सृजित करने का निर्णय लिया गया। इसी प्रकार ऊना ज़िला में बंगाणा लोक निर्माण विभाग मण्डल के अंतर्गत डेरा बाबा रूदरू (बसाल) में भी लोक निर्माण विभाग का नया उप-मण्डल खोलने का निर्णय लिया गया।
    मंडी ज़िला की सुन्दरनगर तहसील के अंतर्गत डेहर में निरीक्षण कुटीर/विश्राम गृह में अतिरिक्त कमरों के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है।
    मंत्रिमण्डल ने हि.प्र. स्टेट एजुकेशन सोसायटी के तकनीकी स्टाॅफ का लोक निर्माण एवं सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में विलय करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सहायक अभियन्ता नागरिक, कनिष्ठ अभियन्ता नागरिक और कनिष्ठ प्रारूपकार के पदों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में एक मुश्त छूट दी जाएगी।
    बैठक में कांगड़ा ज़िला के इंदौरा और धीरा तथा चम्बा ज़िला के पांगी के उपमण्डलीय निर्वाचन कार्यालयों में विभिन्न श्रेणियों के पांच पद सृजित करने का निर्णय लिया गया है।
    मंत्रिमण्डल ने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग का नामकरण जल शक्ति विभाग के रूप में करने को अपनी सहमति प्रदान की।
    प्रदेश निर्वाचन विभाग में निर्वाचन कानूनगो के 13 पद भरने का निर्णय लिया गया है। यह पद अनुबंध आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाएंगे।
    बैठक में मंडी में न्यू डवेल्पमेंट बैंक के लिए इंजीनियर-इन-चीफ (प्रोजेक्ट) के अंतर्गत परियोजना प्रबन्धन इकाई स्थापित करने को मंजूरी दी गई। इसके लिए कांगड़ा ज़िला के फतहपुर से इंजीनियर-इन-चीफ (प्रोजेक्ट) का पद मौजूदा स्टाॅफ सहित स्थानान्तरित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश ग्रामीण जल आपूर्ति परियोजना को भी पूरे स्टाफ के साथ शिमला से मंडी स्थानान्तरित किया जाएगा ताकि परियोजना प्रबन्धन इकाई का सुचारू संचालन सुनिश्चित हो सके।
    भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में छूट देते हुए नगर नियोजन विभाग में योजना अधिकारियों के तीन पद भरने को स्वीकृति प्रदान की गई है।
    बागवानी विभाग में सीधी भर्ती के माध्यम से अनुबंध आधार पर स्किल्ड ग्राफट्र्स के नौ पद भरने को भी मंजूरी प्रदान की गई।
    गृह रक्षा और नागरिक सुरक्षा विभाग में प्लाटून कमांडर के चार पद भरने का निर्णय लिया गया है।
    मंत्रिमण्डल ने सभी सरकारी मेडिकल और डेंटल काॅलेजों के इंटर्न का वजीफा 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 17 हजार रुपये प्रतिमाह करने को सहमति प्रदान की।
    प्रदेश के सभी राशन कार्ड धारकों जिनमें एनएफएसए श्रेणियां भी शामिल हैं को फोरटीफाईड गेहूं का आटा उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है।
    एक महत्वपूर्ण निर्णय में मंत्रिमण्डल की बैठक में 31 मार्च, 2019 और 30 सितम्बर, 2019 को आठ वर्ष का लगातार सेवाकाल पूरा कर चुके सभी अशंकालिक कर्मचारियों दैनिक भोगी बनाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें शिक्षा विभाग के जल वाहक भी शामिल होंगे।
    बैठक में सरकारी क्षेत्र में करूणामूलक आधार पर रोज़गार प्राप्त करने के लिए आय सीमा को 2.25 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये प्रति वर्ष करने का निर्णय लिया गया है।
    हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर में विभिन्न श्रेणियों के 34 पद भरने का निर्णय भी लिया गया है।
    मंत्रिमण्डल ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार की माता स्वर्णा देवी परमार के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

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