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    Home»हरियाणा»हरियाणा में राष्ट्रीय जल मिशन के तहत जल संरक्षण के लिए कुरुक्षेत्र के प्रिंसिपल डायरेक्टर का नाम घोषित
    हरियाणा

    हरियाणा में राष्ट्रीय जल मिशन के तहत जल संरक्षण के लिए कुरुक्षेत्र के प्रिंसिपल डायरेक्टर का नाम घोषित

    By Himachal VartaDecember 19, 2019
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    चंडीगढ़। हरियाणा में राष्ट्रीय जल मिशन के तहत जल संरक्षण के लिए राज्य-विशेष कार्य योजना हेतू हरियाणा सिंचाई अनुसंधान एवं प्रबंध संस्थान, कुरुक्षेत्र के प्रिंसिपल डायरेक्टर को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। राष्ट्रीय जल मिशन का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण, जल की कम से कम बर्बादी तथा एकीकृत जल संसाधन विकास और प्रबंधन के माध्यम से पानी का समान वितरण सुनिश्चित करना है।
    यह जानकारी आज यहां हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय जल मिशन के तहत जल संरक्षण के लिए राज्य-विशेष कार्य योजना तैयार करने संबंधी हुई बैठक में दी गई।
    मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस मिशन के तहत एक केंद्रीयकृत पोर्टल तैयार किया जाए जिस पर संबंधित विभागों द्वारा समय-समय पर जल स्त्रोतों, पानी की खपत तथा जल की गुणवत्ता की जांच रिपोर्टें जीपीएस लोकेशन के साथ अपलोड की जाए ताकि सभी विभागों को एकीकृत डाटा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि कृषि, सिंचाई, शहरी स्थानीय निकाय, उद्योग और वन विभाग के विभागाध्यक्षों की अध्यक्षता में सब-कमेटियां बनाई जाएं जो इस मिशन के तहत कार्य करेंगी। इन सब कमेटियों द्वारा 31 जनवरी, 2020 तक जल संरक्षण संबंधित ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार कर राज्य स्तरीय निगरानी समिति को दी जाए। इसके अलावा, संबंधित विभागों द्वारा नोडल अधिकारियों की भी नियुक्ति की जाए।
    बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार राष्ट्रीय जल मिशन के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी का मुख्य उद्देश्य राज्य-विशेष कार्य योजना का क्रियान्वयन एवं राज्य निगरानी समिति के कार्यों की समीक्षा करना होगा। इसके अलावा यह कमेटी जल स्त्रोतों व जल की खपत की स्टेटस रिपोर्ट, अंतरिम रिपोर्ट और राज्य-विशेष कार्य योजना को अनुमति प्रदान करेगी। बैठक में बताया गया कि राज्य-विशेष कार्य योजना के तहत तीन चरणों में कार्य किया जाएगा। पहले चरण में जल स्त्रोतों, जल की उपलब्धता और प्रबंधन पर डाटा एकत्रित किया जाएगा। इसके अलावा इस मिशन संबंधी राज्य स्तरीय कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। दूसरे चरण में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का मूल्यांकन, वैकल्पिक उपायों और पॉलिसी बनाने वाले हितधारकों के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करना शामिल है। तीसरे चरण में कार्यशालाओं की रिपोर्ट के अनुसार आए सुझावों को क्रियान्वित करना शामिल है।
    बैठक में पशुपालन और मत्सय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुनील गुलाटी, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती धीरा खण्डेलवाल, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी. सी. गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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