नाहन (हिमाचल वार्ता न्यूज) :- भले ही अभी देश और प्रदेश को कोरोना से राहत नहीं मिली है बावजूद इसके भी लोग बूस्टर डोज नहीं लगवा रहे हैं। आलम यह है कि बूस्टर डोज लगवाने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आशा वर्कर दर-दर घूम रही है। बावजूद इसके भी कोई बूस्टर डोज लगवाने को राजी नहीं हो रहा है।
ऐसा ही नजारा जिला मुख्यालय नाहन स्थित चौगान के समीप देखने को मिला जब एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता मजदूरों से बूस्टर डोज लगवाने का आग्रह कर रही थी। मौके पर जाकर देखा तो स्वास्थ्य कार्यकर्ता बार-बार श्रमिकों से आग्रह कर रही थी कि कोरोना से बचाव के लिए बूस्टर डोज जरूरी है , लेकिन कोई भी श्रमिक बूस्टर डोज लगवाने के लिए तैयार नहीं हुआ है।
यही नहीं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा न केवल मजदूरों बल्कि सरकारी कर्मचारियों को भी बूस्टर डोज लगवाने का आग्रह कर रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा वर्करों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बूस्टर डोज लगवाने के लिए घर घर भेजा जा रहा है। कई स्थानों पर टीकाकरण केंद्र भी बनाए गए हैं , लेकिन ना तो कोई टीकाकरण केंद्र में आकर टीका लगा रहा है और ना ही स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के आग्रह करने पर लोग बूस्टर डोज लगाने के लिए तैयार हो रहे हैं।
यही नहीं आलम यह है कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आशा वर्करों को विभाग द्वारा ना तो बैठने की उचित व्यवस्था करवाई जा रही है और ना ही कोई अन्य सुविधा उन्हें मुहैया करवाई गई है। चौगान मैदान में जब देखा तो एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता बैंक की सीढ़ियों पर बैठकर मजदूरों को जागरूक कर रही थी कि वह कोरोना की बूस्टर डोज लगाए , लेकिन कोई भी श्रमिक टीकाकरण के लिए राजी नहीं हुआ।
इस बारे में जब संबंधित विभाग से संपर्क किया गया तो विभाग का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए हर एक व्यक्ति को बूस्टर डोज लगवाना चाहिए। विभाग का कहना है कि किसी को भी जबरदस्ती टीका लगवाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता लेकिन अपने बचाव के लिए लगाना जरूरी है।