नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज) (एसपी जैरथ):-नाहन शहर में बिजली के खंभों पर तारों का जाल ना केवल इंसानों के लिए खतरा बन गया है बल्कि बंदरों के लिए यह काल का ग्रास बन गया है। यही नहीं बिजली बोर्ड व नगर परिषद की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। असल में नाहन के एसएफडीए हॉल के साथ लगते बिजली के पोल पर एक बंदर 7 दिनों से मरा हुआ फंसा पड़ा है। बंदर की मौत खंबे पर नंगी बिजली की तारों के जाल से हुई बताई जा रही है।स्थानीय लोगों के द्वारा इस बाबत बिजली बोर्ड के अधिकारियों सहित नगर परिषद को भी सूचित किया गया बावजूद इसके 7 दिन बीत जाने के बाद भी मरा हुआ बंदर बिजली के खंभे पर लटका हुआ है। बिजली के खंभे पर लटके मरे हुए बंदर को देखकर स्कूल आने-जाने वाले बच्चों में मनोवैज्ञानिक रूप से डर भी बैठ रहा है। बिजली के खंभे पर लटके मरे बंदर के शव के सड़ने से यहां दुर्गंध भी आनी शुरू हो चुकी है।हैरानी तो इस बात की भी है कि यह नाहन शहर का पोर्स एरिया माना जाता है। बड़े-बड़े अधिकारियों के सरकारी आवास भी इसी रास्ते में पड़ते हैं। साथ ही जिस जगह बंदर लटका हुआ है उसके बिल्कुल साथ एसएफडीए हॉल लगता है। इस हॉल में सरकारी व निजी कार्यक्रम अक्सर चले रहते हैं। ऐसे में यहां संक्रमण फैलने का भी खतरा बढ़ गया है।वही जिला प्रशासन और नगर प्रशासन के द्वारा शहर में अभी तक बिजली के खंभों पर केबल वायर डलवाने की कवायद को अंजाम नहीं दिलवाया गया है। शहर के अधिकतर बिजली के खंभों पर कनेक्शन दिए जाने के बाद नंगी तारों का जाल बिछा हुआ है। यह बिजली की नंगी तारें ना केवल जानवरों-पक्षियों के लिए बल्कि इंसानों के लिए भी खतरा साबित हो रही है।उधर, नगर परिषद नाहन के कार्यकारी अधिकारी संजय का कहना है कि इस बारे में बिजली बोर्ड के अधिकारियों को सूचित किया गया है। उन्होंने कहा कि लाइन डिस्कनेक्ट की जाएगी तभी हमारे कर्मी मरे बंदर को डिस्पोज ऑफ कर सकेंगे।
Breakng
- सिरमौर के सुरेंद्र हिंदुस्तानी को रेलवे विकास निगम में मिली बड़ी जिम्मेदारी
- बड़े स्तर पर अवैध खनन मारकंडा नदी में हो रहा है : डॉ बिंदल
- उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक
- जामना से पकड़ी 55 शीशीयां नशीला सिरप व 16,700 कैश, आरोपी गिरफ्तार
- एवीएन स्कूल के दो विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा की मेरिट सूची में मिला स्थान
- मोदी की ताकत का लोहा दुनिया मानती है लेकिन भारत के विपक्षी दलों को तकलीफ़ होती है : प्रताप सिंह रावत
Sunday, May 18