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    Home»स्वास्थ्य»आउटसोर्स कर्मियों को निकालने के बाद नाहन मैडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई
    स्वास्थ्य

    आउटसोर्स कर्मियों को निकालने के बाद नाहन मैडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई

    By Himachal VartaApril 7, 2023
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    नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज) (एसपी जैरथ):– कोविड महामारी के दौरान आपातकालीन व्यवस्था में कंपनी की मार्फत रखें नाहन मेडिकल कॉलेज के आउटसोर्स कर्मी बेरोजगार हो गए हैं। केएस एंड ईएस तथा एनसीईएस कंपनी का सरकार के साथ हुआ करार समाप्त हो गया है। ऐसे में नाहन मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्स पर रखी 60 स्टाफ नर्स, 25 डाटा एंट्री ऑपरेटर ,चालक, चपरासी आदि सेवाओं से समाा्त कर दिया है जिससे कालेज की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैहैरानी की बात तो यह है कि इनमें से अधिकतर स्टाफ नर्स और अन्य ऐसे कर्मचारी हैं जिन्होंने कोविड के दौरान उन वार्ड में अपनी सेवाएं दी है, जहां डॉक्टर भी जाने से कतराते थे। अपनी जान पर खेलकर इन आउटसोर्स कर्मियों ने ना जाने कितनी जानों को बचाया। मगर आज इनकी खुद की रोजी-रोटी पर गहरा संकट आ गया है।बाकायदा इंटरव्यू के माध्यम से कंपनी की मार्फत रखें यह आउटसोर्स कर्मी इस उम्मीद पर थे कि नई सरकार के आने के बाद उन्हें पॉलिसी के अंतर्गत नियमित किया जाएगा। मगर प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार भी इन कोरोना वॉरियर्स का सहारा बनने में असहाय नजर आ रही है। इनमें से अधिकतर ऐसे कर्मी है जिन की शादियां भी हो चुकी हैं और इसी नौकरी के सहारे परिवार चल रहा है।बड़ी बात तो यह भी है कि मेडिकल कॉलेज जैसे संस्थानों में पहले ही भारी-भरकम स्टाफ का टोटा चल रहा है ऐसे में सरकारी जनसेवा भी बाधित होने का संकट मंडराने लग पड़ा है। अवसर पर रखे यह कर्मचारी नियमित कर्मचारियों से ज्यादा काम और बगैर छुट्टी लिए रेगुलर काम किया करते थे। यहां हैरान कर देने वाली बात तो यह भी है कि जिन कंपनियों ने इन्हें नौकरी पर रखा था, वहां इन्हें इंसेंटिव देने के भी वायदे किए गए थे।कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें ना तो 3 महीने से सैलरी मिली है और ना ही इंसेंटिव दिए गए हैं। 200 रुपए प्रतिदिन इंसेंटिव देने का वादा किया था मगर केवल एक बार 1500 रुपए देकर लेबर एक्ट की भी धज्जियां उड़ाई गई है। जानकारी तो यह भी है कि बीते 2 वर्षों में भी इन्हें कभी  नियमित रूप से वेतन नहीं दिया गया।2 महीने का वेतन रोक कर 1 महीने का वेतन दिया जाता था। नौकरी छीन जाने के बाद इन्हें ना केवल मानसिक आघात पहुंचा है बल्कि आने वाला भविष्य भी इन्हें मौजूदा सरकार की ना नुकुर करके चलते अंधकार में नजर आ रहा है। आज  मेडिकल कॉलेज में जहां आम स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रही तो वही ड्यूटी पर ना बुलाए जाने को लेकर आउटसोर्स कर्मी लाचार और मासूम खड़े नजर आए।

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