सन 1919 में पहली बार हुई थी यहां पूजा
नाहन। शहर के लोअर कैंट के समीप जलापड़ी स्थित माता संसारी मंदिर में आज वार्षिक भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें सैंकड़ो श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन कर प्रशाद ग्रहण किया। मंदिर में वार्षिक भंडारे का आयोजन मंदिर परिसर में शिवलिंग की स्थापना के अवसर पर वर्ष की जाती है।
बताया जाता है कि गोरखा समुदाय की आस्था और श्रद्धा का प्रतीक माता संसारी मंदिर, जलापड़ी में प्रथम पूजा रियासतकाल में सन 1919 में प्रारम्भ हई थी। समुदाय के बुजुर्गों का कहना है कि यह पूजा सन 1919 में उस समय शुरू हुई जब नाहन में महमारी का प्रकोप फैल गया था। गोरखा समुदाय के लोेगों ने नेपाल की तर्ज पर नाहन में माता संसारी की पूर्जा अर्चना की तब जाकर महामारी का प्रकोप कम हुआ।
तब से लेकर गोरखा समुदाय के लोग माता संसारी देवी की पूजा अर्चना हर वर्ष जयेष्ठ माह के पहले रविवार को करते हैं। माता संसारी की यह पूजा नाहन के जलापड़ी के अलावा मझौली कोटड़ी और शंभुवाला में भी आयोजित की जाती है। इसके अलावा सोलन, सुबाथु, धर्मशाला और चंबा में भी माता संसारी की पूजा गोरखा समुदाय द्वारा माह मई में ही की जाती है।
सिरमौर गोरखा सभा के यूथ कन्वीनर अंकुर थापा ने बताया कि जलापड़ी स्थित मंदिर में गोरखा समुदाय के लोगों की अपार श्रद्धा है। हर वर्ष समुदाय के लोग धूमधाम के साथ पूजा अर्चना करते हैं।
इस अवसर पर सिरमौर गोरखा सभा के अध्यक्ष खेम बहादुर, योगिन्द्र गुरंग, विनोद गुुंरग, रमेश थापा, शमशेर, जंगबीर, शकुन्तला गुरंग, श्मामा गुंरग, उष, इश्वर, राधा, सुमन थापा, इत्यादि उपस्थित थे।
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Tuesday, May 7