Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Breakng
    • पच्छाद में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के 7 पद भरे जाएंगे- सीडीपीओ
    • रोटरी के नवनियुक्त प्रधान ने की उपायुक्त प्रियंका वर्मा से मुलाकात
    • छेड़छाड़ का आरोपी शिक्षक 14 दिन के ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेजा..
    • विधान सभा उपाध्यक्ष का सिरमौर प्रवास कार्यक्रम
    • सिरमौर में 40 सड़कों को 2.80 करोड़ का नुकसान, बिजली बोर्ड को भी बड़ा झटका
    • किंकरी देवी के नाम पर संगडाह में प्रस्तावित पार्क का अधूरा निर्माण कार्य
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Himachal Varta
    • होम पेज
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सिरमौर
      • ऊना
      • चंबा
      • लाहौल स्पीति
      • बिलासपुर
      • मंडी
      • सोलन
      • कुल्लू
      • हमीरपुर
      • किन्नोर
      • कांगड़ा
    • खेल
    • स्वास्थ्य
    • चण्डीगढ़
    • क्राइम
    • दुर्घटनाएं
    • पंजाब
    • आस्था
    • देश
    • हरियाणा
    • राजनैतिक
    Friday, July 11
    Himachal Varta
    Home»हिमाचल प्रदेश»सिरमौर»अरिहंत इंटरनेशनल स्कूल नाहन में मनाया गया संविधान दिवस
    सिरमौर

    अरिहंत इंटरनेशनल स्कूल नाहन में मनाया गया संविधान दिवस

    By Himachal VartaNovember 26, 2024
    Facebook WhatsApp
    नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज)अरिहंत इंटरनेशनल स्कूल नाहन में मनाया गया संविधान दिवस साल 2024 की थीम ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ रखी गई है। इस लेख में हम जानेंगे आखिर क्या वजह है, जिससे हर साल 26 नवंबर को ही भारतीय संविधान दिवस मनाया जाता है। 75th Constitution Day 2024: भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है, जिसे तैयार होने में कुल 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे।
    इस बात को बताते हैं श्रीमती शिवाली इंग्लिश अध्यापिका कार्यक्रम को आगे बढ़ाया पहले बच्चों को इक लघु फिल्म फ्रीडम एट मिडनाइट का कुछ अंश दिखाए गए ।इसके पश्चात कक्षा -9 की छात्रा आन्या ने विद्यालय के विद्यार्थियों को मौलिक अधिकार से परिचित कराया
    ।कक्षा ग्यारहवीं के छात्र धीरज और श्रुति  ने विद्यार्थियों को संविधान की विशेषताओं से परिचित कराया अंत में कक्षा  12वीं की छात्रा स्नेहा ने संविधान की विशेषताओं को पूर्ण रूप से विस्तार पूर्वक व्याख्यान किया ।
      संविधान में मूल अधिकारों की रक्षा के साथ-साथ शासन के सिद्धांतों को भी बताया गया है।  इसके पश्चात अध्यापक श्री मान ज़ोहेब जी ने सभा में  बैठे सभी अध्यापक और विद्यार्थियों को सविधान के विधानसभा मौलिक अधिकार और हमारे कर्त्तव्यों को बताते हुए सभा को आगे बढ़ाया।अंतिम समय में श्रीमति डॉ.  कमला ने संविधान के इतिहास की कुछ पंक्तियों को बताते हुए संविधान की विशेषताएं और मौलिक अधिकारों से संबंधित विधार्थियों का मूल्यांकन किया सभी विधार्थियों ने सभा का आनंद लिया और अध्यापकों और विद्यार्थीयों द्वार प्रदान किये गये ज्ञान को अर्जन किया।
    पूरे कार्यक्रम के दौरान विद्यालय की निदेशक और प्रधानाचार्य देविंदर साहनी वर्चुअल रूप से उपस्थित रहीं।उन्होंने संविधान के जनक भीमराव अंबेडकर की इन पंक्तियों के साथ सभा को संबोधित किया।
    . शिक्षा का महत्व
    “शिक्षा वह हथियार है जो किसी भी समाज को सशक्त बना सकती है.”
    डॉ. अंबेडकर ने हमेशा शिक्षा को सबसे बड़ा परिवर्तन का माध्यम माना. उनका मानना था कि शिक्षा हर व्यक्ति को आत्मनिर्भर और समाज में समानता लाने का जरिया बनाती है.
    2. समानता पर जोर
    मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाए.”
    समानता और भाईचारा उनके जीवन और विचारधारा की मूलभूत बातें थीं. वे मानते थे कि समाज में हर व्यक्ति को बराबरी का अधिकार मिलना चाहिए, चाहे उसका धर्म, जाति या पृष्ठभूमि कुछ भी हो.
    बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।
    Follow on Google News Follow on Facebook
    Share. Facebook Twitter Email WhatsApp


    Demo

    Recent
    • पच्छाद में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के 7 पद भरे जाएंगे- सीडीपीओ
    • रोटरी के नवनियुक्त प्रधान ने की उपायुक्त प्रियंका वर्मा से मुलाकात
    • छेड़छाड़ का आरोपी शिक्षक 14 दिन के ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेजा..
    • विधान सभा उपाध्यक्ष का सिरमौर प्रवास कार्यक्रम
    • सिरमौर में 40 सड़कों को 2.80 करोड़ का नुकसान, बिजली बोर्ड को भी बड़ा झटका
    Recent Comments
    • Sandeep Sharma on केन्द्र ने हिमालयी राज्यों को पुनः 90ः10 अनुपात में धन उपलब्ध करवाने की मांग को स्वीकार किया
    • Sajan Aggarwal on ददाहू मैं बिजली आपूर्ति में घोर अन्याय
    © 2025 Himachal Varta. Developed by DasKreative.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.