संक्रमित मां की कोख से जन्मी 7 दिन की बेटी की रिपोर्ट नेगेटिव..
नाहन। यह कुदरत का ही करिश्मा है की कोरोना संक्रमित मां की कोख से जन्मी 7 दिन की बेटी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। हर कोई यही समझ रहा था कि बच्ची की रिपोर्ट पॉजिटिव आ सकती है। दीगर है कि त्रिलोकपुर केयर सेंटर में संक्रमित मां के सीने से नवजात बेटी को अलग नहीं किया गया है। अब शिशु रोग विशेषज्ञ पर ही यह निर्भर करेगा कि बच्चे की आगे की देखभाल कैसे की जानी है। उसे मां से अलग आईसीयू में रखा जा सकता है या नहीं, इस बात पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
बर्मा-पापड़ी की रहने वाली महिला ने सिजेरियन ऑपरेशन के माध्यम से 30 मई को नन्ही परी को जन्म दिया था। महिला के कोरोना संक्रमित होने की रिपोर्ट 4 जून की रात आई थी। यह ही वह दिन था, जब 6 महिलाओं सहित 7 की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से स्वास्थ्य महकमे में भी खलबली मच गई थी। हालांकि पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता, लेकिन संभव है कि मात्र 7 दिन के बच्चे के कोरोना वायरस की सैंपलिंग का हिमाचल में यह पहला मामला होगा। फ़िलहाल विभाग इस बात को लेकर स्पष्ट नहीं है कि इतनी छोटी उम्र के बच्चे के सैंपल राज्य में पहले लिए गए है या नहीं। सीएमओ डॉ के के पराशर ने इस तरह का यह पहला मामला होने की संभावना से इंकार भी नहीं किया है। उधर एक अन्य जानकारी के मुताबिक महिला के ससुराल बर्मा पापड़ी में 22 सैंपल की रिपोर्ट भी नेगेटिव है। कुल 45 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान महिला के संपर्क में आए मेडिकल स्टाफ के 38 लोगों के सैंपल रविवार को लिए जाएंगे, जिन्हें होम क्वारंटाइन पर कल ही भेज दिया गया था। एक अच्छी खबर यह भी है कि जिन सात लोगों को त्रिलोकपुर केयर सेंटर में रखा गया है, उनके बच्चों की रिपोर्ट भी नेगेटिव है। खंड स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मनीषा अग्रवाल ने पुष्टि करते हुए कहा कि नवजात बच्चे की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। साथ ही बर्मा पापड़ी से लिए गए तमाम लोगों के सैंपल रिपोर्ट भी नेगेटिव है। पूछे जाने पर उन्होंने माना कि 7 दिन के बच्चे की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद अब शिशु रोग विशेषज्ञों से आगे की राय ली जाएगी कि उसे मां के साथ ही रखा जा सकता है या नहीं? उधर नाहन जुड़े मामलो को लेकर सैंपलिंग जारी है।