कोरोना की जंग के बीच साइंस ब्लॉक के पुराने भवन को आयुर्वेदिक विभाग को सौंपा गया है, ताकि यहां आयुर्वेदिक अस्पताल की गतिविधियों को चलाया जा सके। जिला प्रशासन के अनुसार इस साल आयुर्वेदिक विभाग चार कदमों पर चलेगा और लोगों को एक बेहतर विकल्प देगा। साथ ही लोगों की नियति को बढ़ाने की दिशा में भी काम करेगा।
नाहन। शहर के पुराने साइंस ब्लॉक परिसर में डीसी सिरमौर डॉ. आरके परुथी ने पौधारोपण किया। इस दौरान उनके साथ आयुर्वेदिक विभाग के अधिकारी, डॉक्टर्स व स्टाफ भी मौजूद रहा। दरअसल कोरोना की जंग के बीच साइंस ब्लॉक के पुराने भवन को आयुर्वेदिक विभाग को सौंपा गया है, ताकि यहां आयुर्वेदिक अस्पताल की गतिविधियों को चलाया जा सके। इस दौरान डीसी ने संबंधित बिल्डिंग में चल रहे कार्यों का भी जायजा लिया।
जिला प्रशासन के अनुसार इस साल आयुर्वेदिक विभाग चार चरणों में काम करेगा और लोगों को एक बेहतर विकल्प देगा। साथ ही लोगों की नियति को बढ़ाने की दिशा में भी काम करेगा।
पहले चरण में मुख्यमंत्री एक बीघा जमीन के अंतर्गत होगा काम
डीसी सिरमौर डॉ. आरके परुथी ने बताया कि आयुर्वेदिक विभाग इस साल 4 चरणों में काम करेगा। पहले चरण में विभाग ‘मुख्यमंत्री एक बीघा जमीन’ के अंतर्गत कार्य करेगा और लोगों को दैनिक उपयोग के पौधे लगाने के लिए प्रेरित करेगा। इस पहले चरण को सुरक्षा चक्र का नाम दिया गया है, ताकि सभी लोग अधिक से अधिक पौधे लगाएं।
दूसरा चरण ‘माया चक्र’ होगा
डीसी ने बताया कि दूसरे चरण को माया चक्र का नाम दिया गया है, जिसमें जो लोग व्यवसायिक दृष्टि से औषधीय पौधे लगाना चाहते हैं, उन्हें स्टेट मेडिसन प्लांट के माध्यम से जानकारी दी जाएगी।
तीसरे चरण में आयुष काढ़े पर रहेगा फोकस
डीसी सिरमौर ने बताया कि तीसरे चरण में लोगों को काढ़ा बनाने की विधि सिखाई जाएगी, जिसके लिए आयुर्वेदिक विभाग 6 जगहों पर शिविर लगाएगा। इसके तहत रोज काढ़ा बनाया जाएगा और सभी को काढ़ा पीने के लिए दिया जाएगा। आयुर्वेदिक अस्पताल में आने वाले समय में इस विभाग द्वारा निर्धारित मूल्य पर काढ़ा किया जाएगा।
चौथे चरण में कोविड-19 महामारी पर होगा अनुसंधान
डॉ. परुथी ने बताया कि चौथे चरण में आयुर्वेदिक भवन को दो मंजिल कोविड अस्पताल के नाम से जाना जाएगा, जो कोविड जैसी महामारी पर अनुसंधान करेगा। डीसी ने बताया कि आयुर्वेदिक विभाग इस साल इन चार कदमों पर चलेगा और लोगों को एक बेहतर विकल्प देगा।
कुल मिलाकर जिला प्रशासन के निर्देशों पर आयुर्वेदिक विभाग ने इन चार चरणों की कार्य योजना तैयार कर ली है। अब देखना यह होगा कि इस दिशा में विभाग को कितनी कामयाबी मिलती है।
डीसी सिरमौर डॉ. आरके परुथी पौधा लगाते हुए।