चंडीगढ़। हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में तालाबों के जीर्णोद्धार करने की योजना के तहत ओवरफ्लो और प्रदूषित तालाबों के कार्य को प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि तालाबों का वर्गीकरण इस प्रकार से किया जाए, जिससे प्रदेश में मछली पालन को और बढ़ावा मिले।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज यहां हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण की कार्यकारी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।
बैठक में सिंचाई और जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह ने बताया कि हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीडब्ल्यूएमएमए) द्वारा तालाबों का जीर्णोद्धार करके 14 तालाबों को मॉडल तालाबों के तौर पर विकसित करने का कार्य एक महीने के भीतर पूर्ण हो जाएगा और उनके अनुभवों के आधार पर राज्य में अन्य तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए भविष्य की कार्य योजना तैयार की जाएगी।
उन्होंने बताया कि प्राधिकरण ने डिजिटल सर्वेक्षण करने की पहल शुरू की है ताकि बजट अनुमानों और कार्यों के कार्यान्वयन में सटीकता प्राप्त हो सके। तदनुसार, डिजिटल सर्वेक्षण के आधार पर तालाबों के डिजिटल चित्र तैयार किए गए थे और कार्य शुरू होने से पहले संबंधित क्षेत्र के कार्यालयों को यह डिजिटल चित्र भेजे गए थे।
बैठक में एचपीडब्ल्यूएमएमए के कार्यकारी उपाध्यक्ष श्री प्रभाकर वर्मा ने प्राधिकरण ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 200 तालाबों को मॉडल तालाब बनाने के लिए पहले ही कार्य योजना तैयार कर ली गई है। बैठक में सभी ग्रामीण और शहरी तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अनुसार अगले 10 से 12 वर्षों के लिए कार्य योजना पर एक प्रस्तुति भी दी गई।
श्री प्रभाकर वर्मा ने बताया कि तकनीकी संस्थानों के फैकल्टी के लिए 29 से 30 नवंबर, 2019 को दो दिवसीय कार्यशाला हरियाणा सिंचाई अनुसंधान एवं प्रबंधन संस्थान, कुरुक्षेत्र में आयोजित की गई और उसके बाद 9 जनवरी, 2020 को तालाबों के जीर्णोद्धार संबंधित पाठ्यकर्म को अंतिम रूप देने के लिए एक और कार्यशाला का आयोजन किया गया। अब, सभी कुलपतियों, निदेशकों और संबंधित तकनीकी संस्थानों के प्राचार्यों से तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए आगामी आवश्यक कार्रवाई करने के लिए अनुरोध किया गया है। उन्होंने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि प्राधिकरण द्वारा पहले से ही सोनीपत के कसेंदा और कसेंदी में कंस्ट्रक्टेड वेटलैंड टेक्नोलॉजी के माध्यम से सहायक ड्रेन -4 के लिए कार्य शुरू किया जा चुका है, ताकि इसे राज्य स्तर पर प्रदर्शित किया जा सके।
बैठक में उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्री अंकुर गुप्ता और विभिन्न विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।