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    Home»हिमाचल प्रदेश»वर्तमान वित्त वर्ष में जनजातीय क्षेत्र उप-योजना के अंतर्गत 711 करोड़ रुपये का प्रावधानः मुख्यमंत्री
    हिमाचल प्रदेश

    वर्तमान वित्त वर्ष में जनजातीय क्षेत्र उप-योजना के अंतर्गत 711 करोड़ रुपये का प्रावधानः मुख्यमंत्री

    By Himachal VartaJuly 19, 2020
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    जनजातीय विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की

    अटल टनल के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर हैलीपैड का प्रावधान

    शिमला। प्रदेश सरकार राज्य के जनजातीय क्षेत्रों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है। जनजातीय क्षेत्र उप योजना के अंतर्गत वर्तमान वित्त वर्ष के बजट में 711 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, यह गत वर्ष के बजट आवंटन से 72 करोड़ रुपये अधिक है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां जनजातीय विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय उप-योजना के अंतर्गत नियमित राज्य बजट के अतिरिक्त संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के तहत केंद्रीय जनजातीय मामले मंत्रालय द्वारा 34.74 करोड़ रुपये आवंटन किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 15.45 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।

    जय राम ठाकुर ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा सुविधाएं प्रदान करने के लिए जिला किन्नौर में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय स्थापित किया गया है और शैक्षणिक सत्र 2019-20 से भरमौर के खणी, लाहौल के बारिंग और पांगी के कवास में तीन अन्य आदर्श विद्यालय शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों के उचित प्रबन्धन के लिए हिमाचल प्रदेश एकलव्य माॅडल आवासीय विद्यालय प्रबन्धन समिति पंजीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जनजातीय मामले मंत्रालय ने इन विद्यालयों के भवन निर्माण के लिए 33.36 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला किन्नौर में वोल्टेज की समस्या और बिजली की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बिजली के सभी पुराने खंबों और ट्रांसफार्मर स्तरोन्नयन किए जाएंगे व आवश्यकता होने पर बदले जाएंगे। उन्होंने कहा कि थिरोट पावर हाउस में 3ग्1ण्5 मेगावाट केे विभिन्न नागरिक ढांचों का मुरम्मत कार्य और लंबे समय से बंद 2ग्200 केवी बिलिंग माइक्रो हाइड्रो प्रोजेक्ट के पुननिर्माण का कार्य शीघ्र आरम्भ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 15 दिसम्बर तक जिला किन्नौर और लाहौल-स्पीति के जनजातीय क्षेत्रों के शत् प्रतिशत घरों को पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।

    जय राम ठाकुर ने कहा कि पांगी और भरमौर क्षेत्र में बिजली की समस्या को समाप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि 11केवी गुलाबगढ़ त्यागी लाईन को संसारी नाला से जोड़ने के लिए 20 लाख रुपये का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। उन्होंने कहा कि भरमौर क्षेत्र में सुचारू जल आपूर्ति के लिए सभी 33 पेयजल योजनाओं का सुधार और उचित रख-रखाव किया जाना चाहिए।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में लोगों को उनके घर के समीप बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए क्षेत्रीय अस्पताल केलंग, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र काजा और पांगी में टेली मेडिसिन सेवाएं आरम्भ की गई है।

    जय राम ठाकुर ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और अटल टनल, लाहौल घाटी के लिए वरदान साबित होगी।

    उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुविधा और लोगों को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए हेली टैक्सी सेवा के अतिरिक्त अटल टनल के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर हैलीपैड का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए रास्ते के किनारे भी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

    जनजातीय विकास मंत्री डाॅ. रामलाल मारकंडा ने जनजातीय क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित करने के लिए धन का समुचित प्रावधान करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने मुख्यमंत्री से जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं की लम्बित वन स्वीकृतियों में शीघ्रता लाने का आग्रह किया।

    प्रधान सचिव जनजातीय विकास ओंकार चन्द शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा जनजातीय क्षेत्रों में क्रियान्वित की जा रही विकासात्मक परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।

    मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, संजय गुप्ता, मनोज कुमार और आरडी धीमान, प्रधान सचिव केके पंत, सचिव देवेश कुमार, डाॅ. संदीप भटनागर, डाॅ. राजीव शर्मा और अमिताभ अवस्थी, विशेष सचिव डीडी शर्मा और सीपी वर्मा, निदेशक पर्यटन यूनुस, इंजीनियर इन चीफ लोक निर्माण विभाग भवन शर्मा, इंजीनियर इन चीफ जल शक्ति विभाग नवीन पुरी, उपायुक्त किन्नौर और लाहौल-स्पीति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

     

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