नाहन। जिला निर्वाचन अधिकारी आर.के. पुरूथी ने कहा कि भारत के निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा 28 लाख रुपये निर्धारित की है।
आर.के. पुरूथी ने कहा कि सभी प्रत्याशियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि 55-पच्छाद विधानसभा निर्वाचन के लिए होने वाले उप चुनाव में उनका व्यय निर्धारित सीमा से अधिक न हो। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 77 के अनुसार सभी प्रत्याशियों के लिए यह आवश्यक है कि वे स्वयं अथवा अपने चुनावी एजैंट के माध्यम से निर्वाचन से संबंधित सभी खर्चों का अलग एवं सटीक लेखा रखें।
उन्होंने कहा कि सभी प्रत्याशियों को अपना नामांकन दाखिल करने से कम से कम एक दिन पूर्व अपने निर्वाचन व्यय के लिए अलग से एक बैंक खाता खोलना अनिवार्य है। यह बैंक खाता प्रत्याशी अथवा निर्वाचन एजैंट के साथ संयुक्त रूप से खोला जा सकता है।
आर.के. पुरूथी ने कहा कि सभी उम्मीदवारों को चुनाव की अवधि में अपने प्रतिदिन के खर्च की जानकारी रजिस्टर लगाकर उसमें दर्ज करनी होगी। यह रजिस्टर व्यय पर्यवेक्षक द्वारा जांचे जाएंगे। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 78 के अनुसार चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवारों के लिए अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करना अनिवार्य है। यह कार्य चुनाव परिणाम की घोषणा के 30 दिन के भीतर किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी उम्मीदवारों को लिखित में जानकारी दी जाती है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि व्यय अनुश्रवण के लिए भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाते हैं। आर.के. पुरूथी ने कहा कि विधानसभा उप चुनाव में सभी उम्मीदवार निर्धारित व्यय सीमा की अनुपालना सुनिश्चित बनाएं।
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Monday, May 6