हालांकि घूमने के शौकीन सुबह 5:00 बजे ही जड़जा, यशवंत बिहार, विला राउंड, रानीताल में घूमने निकले थे। मगर हैरानी की बात यह है कि अड़ाया पढ़ाया जाट 16 दुनी 8 वाली कहावत बिल्कुल चरितार्थ नजर आई। लोग घूमने में कम गप्पे में ज्यादा मशगूल थे। कुत्ते घुमाने वाले भी मॉर्निंग वॉक में बिना मास्क के नजर आए।
ठीक 8:00 बजे के आसपास बारिश का दौर शुरू हो चुका था और अभी तक बारिश इतनी जोर से बरस रही है कि सड़कों के साथ-साथ छोटी-छोटी पहाड़ियों से पानी के झरने बहनें शुरू हो गए हैं। इस बार इसका सबसे बड़ा नुक्सान किसानों को उठाना पड़ रहा है। करीब 70% किसानों की फसल अभी भी खेतों में या तो खड़ी है या काट कर रखी गई है। सेन की सेर , बर्मा पापड़ी, सराहा, जमटा, ददाहु आदि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर किसानों की गेहूं काट कर खेतों में रखी हुई है।
जबकि पांवटा साहिब और काला अंब के किसानों ने लगभग लगभग अपनी गेहूं निकाल कर गेहूं क्रय सेंटर एफसीआई गोदाम में बेचनी भी शुरू कर दी है। बरहाल अब देखना यह होगा कि एक तरफ लॉक डाउन और दूसरी तरफ किसान पर बारिश की मार सरकार क्या राहत देगी यह तो वक्त ही बताएगा।
नाहन। आज लॉक डाउन रविवार के दिन जिला सिरमौर में जमकर मेघ बरसे। हालांकि धीरे-धीरे बढ़ रही गर्मी में बारिश की फुहारों से मौसम तो ठंडा हो गया है मगर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है। रविवार 26 अप्रैल को सुबह से ही 6-7:00 के बीच में तेज हवाएं और बिजली कड़कना शुरू हो गई थी। तो वहीं आज जिला सिरमौर प्रशासन के द्वारा रविवार को कंप्लीट लॉक डाउन की घोषणा भी की गई है।