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    Home»हिमाचल प्रदेश»1.50 लाख अतिरिक्त परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाए जाएंगेः मुख्यमंत्री
    हिमाचल प्रदेश

    1.50 लाख अतिरिक्त परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाए जाएंगेः मुख्यमंत्री

    By Himachal VartaMay 15, 2020
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    लोगों को मिलेगा सस्ता राशन
    शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश सरकार समाज के सभी वर्गों विशेषकर कमजोर वर्गों के उत्थान के प्रति वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि ऐसे वर्गों के आर्थिक उत्थान तथा उनके कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं आरम्भ की जा रही हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि ‘प्रायरटी हाउसहोल्ड’ को चिन्हित करने की संशोधित आय सीमा को 45,000 रुपये किया जाए, जिससे प्रदेश के लगभग 1,50,000 अतिरिक्त परिवार खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत आएंगे, जिससे उन्हें उपदानयुक्त दरों पर खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 6,78,338 परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आते हैं, जिनकी कुल जनसंख्या 27,84,717 है, जबकि प्रदेश के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लक्ष्य 36,81,586 रखा गया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परिवारों को इस निर्णय के परिणामस्वरूप अब गन्दम आटा 3.30 रूपये तथा चावल 2 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि इस पर प्रतिवर्ष 10 करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया है कि अब उपभोक्ता दाल उड़द साबुत, दाल चना, दाल मल्का व मूंग साबुत में से प्रति माह कोई भी तीन दालें उपदानयुक्त दरों पर खरीद सकेंगे।

    जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लोगों को उचित मूल्य पर आवश्यक खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने पर इस वित्त वर्ष के लिए राज्य उपदान योजना के अन्तर्गत 225 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है और आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से प्रभावित हो रही हैं, जिसका सबसे अधिक असर समाज के कमजोर वर्गों पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि इसी के दृष्टिगत विगत दिनों आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में समाज के कमजोर वर्गों को उचित मूल्यों की दुकानों के माध्यम से सस्ता राशन उपलब्ध करवाने के लिए अनेक निर्णय लिए गए हैं।

    उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने ‘पोस्ट कोविड-19’ आर्थिक पुर्नउत्थान के लिए गठित मंत्रिमंडलीय सब कमेटी की सिफारिशों को मानते हुए प्रदेश के लगभग 1,50,000 आयकर दाताओं को लक्षित सार्वजनिक वितरण योजना के तहत सब्सिडी का लाभ पाने से एक साल के लिए बाहर रखने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को अधिक से अधिक लाभान्वित किया जाना है। उन्होंने कहा कि जैसे ही आर्थिक गतिविधियां पटरी पर आ जाएंगी, सरकार एक वर्ष के उपरान्त इस निर्णय पर पुनः विचार कर सकती है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि एपीएल परिवारों को अभी तक दालों पर 30 रूपये प्रति किलोग्राम तक का उपदान दिया जाता था, जिसे अब घटाकर 20 रूपये प्रति किलोग्राम किया गया है।

    जय राम ठाकुर ने कहा कि इसी प्रकार सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि एपीएल परिवारों को खाद्य तेल के उपदान को 10 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 5 रूपये प्रति लीटर किया जाए। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार एपीएल परिवारों के लिए चीनी पर दी जाने वाली सब्सिडी पर भी केवल 6 रूपये प्रति किलोग्राम की कटौती की गई है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे सरकार की मंशा यही है कि अधिक से अधिक संख्या में समाज के कमजोर वर्गों को लाभान्वित किया जाए।

    मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि समाज का संभ्रान्त वर्ग कोरोना महामारी के इस दौर में सरकार द्वारा लिए इन निर्णयों का समर्थन करेगा ताकि अधिक से अधिक गरीबों को उचित मूल्य पर खाद्य समाग्री उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के इस निर्णय से लगभग 60-70 करोड़ रुपये की बचत होगी, जिसका उपयोग कोविड महामारी से निपटने तथा कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए किया जाएगा।

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