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    Home»हिमाचल प्रदेश»बीपीएल का लाभ उठा रहे समृद्ध लोगों का भी पीडीएस राशन बंद करे सरकार
    हिमाचल प्रदेश

    बीपीएल का लाभ उठा रहे समृद्ध लोगों का भी पीडीएस राशन बंद करे सरकार

    By Himachal VartaMay 16, 2020
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    नाहन। बीपीएल के नाम पर प्रदेश में बहुत बड़ा घोटाला है और बीपीएल योजना का लाभ ले रहे सभी समृद्ध लोगों को भी पीडीएस राशन बंद कर दिया जाए । जबकि प्रदेश सरकार द्वारा आयकर देने वाले सभी कर्मचारियों को पीडीएस राशन की सुविधा बंद कर दी गई है । यह बात राजगढ़ क्षेत्र के रतन सिंह, देसराज, कमल स्वरूप, नीरज कुमार, रामदयाल सहित अनेक लोगों ने एक सामूहिक चर्चा के दौरान कहते हुए कहा है कि सरकार को इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच करके समृद्ध परिवारों को बीपीएल सुविधा से बाहर किया जाना चाहिए और पात्र गरीब लोगों को शामिल किया जाना चाहिए । इनका कहना है कि सरकार को बीपीएल में चयन के तौर तरीके बदलने पड़ेगें क्योंकि ग्राम सभा में गरीब व्यक्ति सबसे पीछे पंक्ति में रह जाता है । इन्होने कहा कि आयकर देने वाले कर्मचारियों का पीडीएस राशन बंद करना न्यायोचित है परंतु सरकार ऐसे समृद्ध परिवारों का भी राशन बंद करे जो बीपीएल के नाम पर सभी सुविधाओं का लाभ उठाया जा रहा है ।
    इनका कहना है कि आईआरडीपी के चयन का अधिकार ग्राम सभा को दिया गया है जहां पर समृद्ध परिवारों का दबादबा बना रहता है और गरीबों की फरियाद अनसूनी हो जाती है । बता दें कि समृद्ध परिवारों द्वारा संयुक्त रसोई होते हुए भी अपने वारिसों के अलग अलग राशन कार्ड बनाए गए है और गृहिणी सुविधा योजना के तहत इन परिवारों ने मुफ्त में रसोई गैस कुनेक्शन भी सरकार से प्राप्त कर लिए गए । सबसे अहम बात यह है ग्रामीण क्षेत्रों में असंख्य निर्धन परिवार आईआरडीपी सुविधा से बाहर है । जबकि बीपीएल के समृद्ध परिवारों के पास सभी सुविधाएं उपलब्ध है तथा आईआरडीपी में शामिल होने के लिए ऐसे समृद्ध परिवारों द्वारा घर से एक खोखा बनाया होता है जिस पर आईआरडीपी का बोर्ड लगाया गया है । यही नहीं ऐसे समृद्ध परिवारों के बीपीएल में नाम वर्षों से दर्ज है और पंचायत प्रतिनिधि ऐसे परिवारों के नाम काटने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाते हैं जिस कारण गरीब व्यक्ति का इस सुविधा से वंचित रह जाता है ।
    खंड विकास अधिकारी राजगढ़ रमेश शर्मा ने बताया कि बीपीएल में चयन का अधिकार ग्राम सभा को है और बीपीएल की सूचियों की हर वर्ष अप्रैल में समीक्षा की जाती है । इनका कहना है कि ग्राम सभा में लोगों को समृद्ध व्यक्तियों को बीपीएल से बाहर करने बारे मामला उठाना चाहिए परंतु ऐसा नहीं होता है जिस कारण बीपीएल लिस्टें यथावत रहती है ।

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