नाहन। नेशनल कॉर्डिनेशन कमिटी इंजीनियर एंड एंप्लाइज यूनियन के आह्वान पर हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ जिला सिरमौर के द्वारा ड्यूटी के दौरान काले बिल्ले लगाकर बिजली संशोधन बिल 2020 का विरोध किया गया। केंद्रीय कार्यकारिणी के उपाध्यक्ष भगवानदास ने इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि यह विरोध काम के दौरान शांतिपूर्वक ढंग से काले बिल्ले लगाकर किया गया है। उन्होंने केंद्रीय सरकार से मांग करते हुए कहा कि बिजली सुधार कानून के नाम पर बिजली बोर्ड का जो निजीकरण किया जा रहा है वह ना तो कर्मचारियों के हित में है और ना ही कंजूमर के हित में है।
भगवान दास ने केंद्र सरकार से मांग की है कि बिजली बोर्ड का निजीकरण ना किया जाए बल्कि इसे सरकारी क्षेत्र में ही रखा जाए। वही बिजली बोर्ड एंप्लाइज यूनियन यूनिट नाहन के अध्यक्ष हुकम सिंह राणा गिरी नगर यूनिट से हंसराज पांवटा यूनिट के सुनील कुमार चीफ एडवाइजर आदर्श मेहता सदस्य एम्पलाई यूनियन संजय कुमार आदि ने भी अपना विरोध दर्ज करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बोर्ड का निजीकरण ना करने की मांग की है। आदर्श मेहता ने बताया कि कोविड-19 काल में निजी सेक्टर जिसमें मुख्य था अस्पतालो करवाया जग जाहिर हो गया है।
उन्होंने बताया कि मुसीबत के इस दौर में सरकारी सेक्टर चाहे वह पुलिस हो चाहे सरकारी अस्पताल हो सब ने पूरी निष्ठा के साथ कोरोना वॉरियर की भूमिका बखूबी निभाई है। जबकि कर्फ्यू काल में निजी अस्पताल अपनी सेवाएं देने में नाकाम साबित रहे हैं। हुकम सिंह ने स्पष्ट करते हुए कहा कि बोर्ड का निजीकरण किसी भी सूरत बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बिजली बोर्ड का निजीकरण आम जनता के लिए परेशानी का सबब बन जाएगा।
बिजली के रेट बढ़ जाएंगे इसके साथ साथ कर्मचारियों को भी भारी परेशानियां उठानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार कर्मचारियों के हितों को बराबर संरक्षित कर रही है। ऐसे में बिजली संशोधन विधेयक बिल कर्मचारियों के हित में नहीं है लिहाजा इस बिल को डिस्मिस किया जाना चाहिए।