मरीज की लापरवाही मेडिकल कॉलेज पर पड़ी भारी 25 से 30 हुए क्वॉरेंटाइन
पॉजिटिव आई महिला नारायणगढ़ हरियाणा जाती थी चेकअप कराने, एडमिशन के दौरान डॉक्टर को नहीं दी जानकारी, मरीज में भी नहींं थे कोरोना के प्राथमिक लक्षण
नाहन। एक और जहां जिला सिरमौर प्रशासन पहले से ही क्वॉरेंटाइन किए छे लोगों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अपनी की गई व्यवस्था को लेकर निश्चिंत है तो वही सिरमौर से सातवां कोरोना पॉजिटिव मामले को लेकर नाहन मेडिकल कॉलेज की नींद उड़ी हुई है।
असल में यह मामला नाहन के वर्मा पापड़ी गांव की एक महिला का है जिसकी उम्र 28 वर्ष बताई गई है। यह महिला 29 मई को नाहन मेडिकल कॉलेज के गायनो वार्ड में डिलीवरी को लेकर एडमिट हुई थी। मेडिकल कॉलेज में यह महिला करीब 2:30 बजे दोपहर बाद 29 मई को एडमिट हुई थी।
महिला की हालत डिलीवरी को लेकर सीरियस थी लिहाजा गायनी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सकों ने 30 मई को उसका ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। अब यहां यह भी जान लेना जरूरी है कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार महिला में कोई भी कोरोना के प्राथमिक लक्षण नहीं थे।
तो वहीं महिला ने भी यह नहीं बताया कि वह अपना इलाज कराने के लिए दूसरे राज्य हरियाणा के नारायणगढ स्थित एक अस्पताल में जाया करती थी। यहां सवाल मरीज की जिंदगी का था और महिला का ऑपरेशन कर दिया गया। जच्चा और बच्चा दोनों ऑपरेशन के बाद ठीक थे।
रैंडम प्रक्रिया के तहत महिला का 2 जून को कोविड-19 टेस्ट हेतु सैंपल लिया गया। इस सैंपल की रिपोर्ट वीरवार को कसौली से आई। रिपोर्ट के पॉजिटिव आते ही पूरे मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया।
मेडिकल कॉलेज के एम एस सहित तमाम वरिष्ठ चिकित्सक रात के 10:00 बजे तक महिला के डायरेक्ट संपर्क में आए मेडिकल डिपार्टमेंट के स्टॉप का रिकॉर्ड खंगालने में जुटा रहा। जैसे ही जानकारी जुटाई गई उसके बाद मेडिकल स्टाफ में चिंता की लकीरें खिंच गई। करीब 25 से 30 मेडिकल स्टाफ ऐसा था जो इस महिला के डायरेक्ट संपर्क में आया था।
इनमें नाहन मेडिकल कॉलेज के तीनों के तीन गाइनो के डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर स्टाफ, एनेस्थेटिक टीम, वार्ड में जाने वाली सिस्टर इन सब की संख्या करीब 25 से 30 के लगभग बैठती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन सबको तुरंत क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है।
इसके अलावा ऑपरेशन के दौरान महिला के ब्लड के सामान्य टेस्ट रिपोर्टों के लिए महिला मरीज का केयरटेकर जोगी परिवार का ही सदस्य था वह सैंपल लेकर एसआरएल लैब भी गया था। जाहिर है जिस समय यह सैंपल गया था उस दौरान एस एन एल के लैब टेक्नीशियन को भी क्वॉरेंटाइन किया जा सकता है।
इसके अलावा सामान्य वार्ड से स्पेशल वार्ड तक कौन-कौन महिला के संपर्क में आए उन सब का भी रिकॉर्ड दिया जा रहा है। अब इसे मेडिकल विभाग की चूक तो कहा नहीं जा सकता मगर हां यह जरूर है कि यदि इस महिला ने अपने इलाज का ब्यौरा हरियाणा का पहले से दिया होता तो संभवत मेडिकल डिपार्टमेंट कुछ मेजर प्रिकॉशंस के साथ मरीज का ऑपरेशन करता।
मगर यहां सवाल यह भी उठता है कि ना तो महिला ने कोरोना के कोई लक्षण थे और ना चिकित्सकों के पास टेस्ट रिपोर्ट आने तक का समय था। बता दें कि इस महिला को सिजेरियन से लड़की पैदा हुई है। जबकि इससे पहले भी ऑपरेशन से ही इस महिला का पहला बच्चा भी है।
महिला के परिजनों की जरा सी चूक के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है। गाइनो डिपार्टमेंट पूरा का पूरा क्वॉरेंटाइन हो चुका है। तो वही इस विभाग की व्यवस्था को बहाल करने के लिए पौंटा साहिब से गायनेकोलॉजिस्ट को बुलाए जाने पर भी चर्चा हो रही है।
वही नाहन शहर के लोगों को आज आए मेडिकल कॉलेज सहित 7 कोरोना के मामलों को लेकर दहशत में आने की जरूरत नहीं है। क्योंकि जिला प्रशासन की पूरी मुस्तैदी और पुलिस प्रशासन की व्यवस्था ऐसी थी कि बाहर से आने वाले सभी लोगों का टेस्ट और उसकी रिपोर्ट जब तक नहीं आ जाती तब तक उन्हें हिमाचल के बॉर्डर से आगे जाने नहीं दिया जाता है।
सवाल मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की सुरक्षा और इस प्रकार के गैर लक्षण वाले मरीजों के इमरजेंसी में टेस्ट रिपोर्ट के आने से पहले किए जाने वाले इलाज को लेकर खड़ा हो रहा है। कहा जा सकता है कि एक जरा सी चूक के कारण कितने लोगों को परेशानी उठानी पड़ेगी यह तो इस घटना के बाद जाहिर हो ही गया है। तो ऐसे में इलाज कराने आने वालों को पहले ही अपनी ट्रैवल हिस्ट्री आदि बताना भी जरूरी हो गया है।
अब कहा जा सकता है कि भले ही मेडिकल कॉलेज सुरक्षा के लाख दावे कर ले मगर यह तो तय है कि हॉस्पिटल का कोई भी स्टाफ अब बगैर पर्सनल प्रोटेक्शन किट के अस्पताल में काम करना किसी जोखिम से कम नहीं होगा।
वही लोगों को भी थोड़ा और सोचना होगा क्योंकि जो हालात नाहन मेडिकल कॉलेज में पिछले दो-तीन दिनों में दिखाई दे रहे हैं वह काफी खौफनाक नजर आते हैं। सोशल डिस्टेंस नाम की कोई चीज यहां नजर नहीं आती है। पुलिस की सख्ती पर फिर राजनीति भी हावी हो जाती है।
तो वही अब प्रशासन की भी नींद इस महिला के परिवार को लेकर और ग्रामीण क्षेत्र में इनके संपर्क में कौन-कौन आया है उसका रिकॉर्ड इकट्ठा करना भी बड़ी चुनौती बन जाएगा। सवाल तो यह भी उठा है कि अब इस महिला के बच्चे सहित परिवार के किन-किन लोगों में कोरोना के लक्षण पॉजिटिव या नेगेटिव आते हैं।
उधर नाहन मेडिकल कॉलेज के एम एस डॉ अजय शर्मा बेखबर की पुष्टि करते हुए बताया कि मरीज के 5 दिनों के इलाज के बाद टेस्ट रिपोर्ट आई है। उन्होंने फिर से स्पष्ट किया कि कथित महिला में प्राथमिक कोरोना के लक्षण बिल्कुल नहीं थे।