एचआरटीसी नाहन डिपो की आय दिन-प्रतिदिन घटी, रूटों पर दौड़ीं महज 8 सरकारी बसें
नाहन। एऐसा लगताचआरटीसी के नाहन डिपो की आय दिन प्रतिदिन घटती जा रही है। इससे निगम को खासा नुकसान उठाना लड़ रहा है। आज सिरमौर के रूटों पर महज आठ सरकारी बसें ही चलाई गईं। कोरोना के संकट के बीच चल रही सरकारी बसों को सवारियां न मिलने से निगम और सरकार की आमदनी प्रभावित होना लाजमी है। निगम के साथ साथ निजी बस ऑपरेटरों को भी इससे नुकसान झेलना पड़ रहा है।
लोगों के बीच कोरोना का खौफ इतना बढ़ गया है कि लोग बसों में भी बैठने से कतराने लगे हैं। कुछ कामकाजी लोग ही मजबूरन बसों में सफर कर रहे हैं, जबकि, ग्रामीण क्षेत्रों में तो बसों को सवारियां ही नहीं मिल रही हैं। एचआरटीसी प्रबंधन ने अनलॉक-1 के शुरुआती दौर में सिरमौर के विभिन्न रूटों पर 90 बसें चलाईं, लेकिन सवारियां न मिलने से अगले ही दिन रूटों में कटौती करनी पड़ी।
नाहन, कालाअंब और पांवटा क्षेत्र में कोरोना के बढ़ते मामलों का असर जिले के दूरदराज क्षेत्रों के लोगों पर भी साफ दिख रहा है। नतीजतन, लोग बसों से भी दूरी बनाए रखे हुए हैं। लोगों का मानना है कि बसों में ये पता नहीं चलता कि कहां से कौन सी सवारी ऐसी बैठेगी, जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाए। ऐसे में एहतियात बरतना जरूरी है।
बहरहाल, रविवार को नाहन निगम ने नाहन-चौपाल, नाहन-हरिपुरधार, पांवटा-शिमला, नाहन-घाटों, नाहन-रेणुका, नाहन-कालाअंब और नाहन-उपरला कौलावालाभूड़ रूटों पर बसें चलाईं। उधर, निगम के निरीक्षक एवं नाहन बस अड्डा प्रभारी सुखराम ठाकुर ने बताया कि आज 8 रूटों पर बसें चलाई गईं हैं। उन्होंने बताया कि सवारियां न मिलने से रूट घाटे में चल रहे हैं। इससे निगम की आय प्रभावित हो रही है।