Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Breakng
    • अरिहंत इंटरनेशनल विद्यालय ने विद्यार्थियों का जिला स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता में लहराया परचम
    • रेडक्रॉस सोसाइटी कैंटीन हेतू निविदाएं 06 जून तक करें जमा-विवेक शर्मा
    • प्रो कबड्डी लीग सीजन 12 की नीलामी में रोनहाट के अनिल जस्टा को यू मुंबा ने 78 लाख में खरीदा
    • नगरपालिका नाहन व पांवटा साहिब के वार्डो के परिसीमन संबधी आक्षेप अथवा सुझाव 9 जून तक करवाएं दर्ज- उपायुक्त
    • सिक्किम लैंडस्लाइड में नाहन का सपूत मनीष ठाकुर शहीद
    • दो नाबालिकों की बाइक पेड़ से टकराई, दोनों की मौत
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Himachal Varta
    • होम पेज
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सिरमौर
      • ऊना
      • चंबा
      • लाहौल स्पीति
      • बिलासपुर
      • मंडी
      • सोलन
      • कुल्लू
      • हमीरपुर
      • किन्नोर
      • कांगड़ा
    • खेल
    • स्वास्थ्य
    • चण्डीगढ़
    • क्राइम
    • दुर्घटनाएं
    • पंजाब
    • आस्था
    • देश
    • हरियाणा
    • राजनैतिक
    Tuesday, June 3
    Himachal Varta
    Home»हिमाचल प्रदेश»हिमाचल से पड़ोसी राज्यों को मछली निर्यात शुरूः वीरेन्द्र कवंर
    हिमाचल प्रदेश

    हिमाचल से पड़ोसी राज्यों को मछली निर्यात शुरूः वीरेन्द्र कवंर

    By Himachal VartaJune 16, 2020
    Facebook WhatsApp
    शिमला। पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री ने आज यहां कहा कि राज्य सरकार ने अपने जलाश्यों से पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के लिए मछली निर्यात शुरू कर दिया है।
    उन्होंने कहा कि राज्य में पहले चरण में खोले गए लाॅकडाउन के बाद मई 2020 तक कुल 683 लाख रुपये की 600 मीट्रिक टन मछली का मत्स्य संसाधनों से उत्पादन किया गया है जिसे पड़ोसी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को निर्यात के अलावा और राज्य के बाजारों में भी बेची गई है। अप्रैल 2020 के बाद राज्य में विभिन्न खुदरा बिक्री केंद्रों में कुल 17,549 किलोग्राम मछली बेची गई। वर्ष 2019-20 के दौरान प्रदेश में 1857.73 लाख रुपये की 743.25 मीट्रिक टन मछली का निर्यात किया गया।
    उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के कारण प्रदेश में मछली उत्पादन प्रभावित हुआ, परन्तु अब स्थिति सामान्य होती जा रही है और विभाग जल्द ही मत्स्य गतिविधियां आरम्भ करेगा। पड़ोसी राज्यों को यहां से मछली का निर्यात बढ़ाने के लिए बहुत सम्भावनाएं हैं और आगामी वर्षों में सरकार ट्राउट, एग्जाॅटिक कार्प, सिंघारा, आईएमसी आदि का व्यापक स्तर पर निर्यात करने पर विचार कर रही है।
    मंत्री ने कहा कि ट्राउट, एग्जाॅटिक कार्प, सिंघारा, आईएमसी आदि का मछली उत्पादन स्वयं सहायता समूह, मछली सहकारी सभाओं, निजी निवेशकों आदि के जरिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 के दौरान राज्य में लगभग 14020.14 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन दर्ज किया गया। इस वर्ष सितम्बर माह तक तीन हजार मीट्रिक टन मछली उत्पादन की सम्भावना है।
    वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि मछली उत्पादकों को विभाग की विभिन्न नीतियों, कार्यक्रमों और बाजार की स्थिति के बारे में अवगत करवाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाओं का प्रयोग किया जा रहा है। विभाग ने मछली उत्पादकों की शिकायतों, सुझावों और मांगों को प्राप्त करने के लिए एक व्हट्सऐप ग्रुप भी सृजित किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जलाश्यों और ट्राउट क्षेत्रों में मत्स्य निर्यात केन्द्र सृजित किया जाएगा, जिनमें मछली की विभिन्न निर्यात किस्मों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त मत्स्य क्षेत्र में सुधार के लिए आधुनिक तकनीक अपनाई जाएगी।
    उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मत्स्य अधोसंरचना के सृजन, आधुनीकीकरण और निर्यात के माध्यम से राजस्व बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इस योजना के अन्तर्गत निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ मत्स्य क्षेत्र में बेरोजगार युवाओं के लिए आगामी पांच वर्षों में रोजगार के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध करवाने पर भी बल दिया गया है।
    वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि लाॅकडाउन अवधि के दौरान सरकार ने मत्स्य गतिविधियां प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए और निजी मछली किसानों को 76650 मछली बीज उपलब्ध करवाया गया। इसके अलावा 77245 मछली बीज स्टाॅक किया गया। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्थित ट्राउट फार्म में 5900 किलोग्राम ट्राउट फीड उपलब्ध करवाया गया। निजी ट्राउट किसानों को भी 3239 किलोग्राम ट्राउट फीड उपलब्ध करवाया गया। 20 अपै्रल, 2020 के उपरान्त प्रदेश के विभिन्न खुदरा बिक्री केन्द्रों के माध्यमों से 17549 किलो ग्राम मछली बेची गई।
    उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग ने कोविड-19 के संक्रमण के कारण मत्स्य पालकों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य जलाश्यों के 5350 मछली उत्पादकों को 1.07 करोड़ रुपये का राहत पैकेज प्रदान किया है। प्रत्येक मछली उत्पादक को 1 माह की अवधि के लिए 2000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई।

     

    Follow on Google News Follow on Facebook
    Share. Facebook Twitter Email WhatsApp


    Demo

    Recent
    • अरिहंत इंटरनेशनल विद्यालय ने विद्यार्थियों का जिला स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता में लहराया परचम
    • रेडक्रॉस सोसाइटी कैंटीन हेतू निविदाएं 06 जून तक करें जमा-विवेक शर्मा
    • प्रो कबड्डी लीग सीजन 12 की नीलामी में रोनहाट के अनिल जस्टा को यू मुंबा ने 78 लाख में खरीदा
    • नगरपालिका नाहन व पांवटा साहिब के वार्डो के परिसीमन संबधी आक्षेप अथवा सुझाव 9 जून तक करवाएं दर्ज- उपायुक्त
    • सिक्किम लैंडस्लाइड में नाहन का सपूत मनीष ठाकुर शहीद
    Recent Comments
    • Sandeep Sharma on केन्द्र ने हिमालयी राज्यों को पुनः 90ः10 अनुपात में धन उपलब्ध करवाने की मांग को स्वीकार किया
    • Sajan Aggarwal on ददाहू मैं बिजली आपूर्ति में घोर अन्याय
    © 2025 Himachal Varta. Developed by DasKreative.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.