नाहन । हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ जिला सिरमौर के ज़िला प्रधान हरदेव ठाकुर, उनकी ज़िला कार्यकारिणी व राज्य उप प्रधान सतीश पुंडीर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के स्वयंभू राज्य प्रधान विरेंद्र चौहान की उस बात का खंडन किया है जिसमें उसने विभाग के मुखिया शिक्षा निदेशक उच्च पर खरीद फ्रोकत मामले में आरोप लगाए हैं। जिला सिरमौर इकाई ने इसकी कड़ी निंदा की है और अपने आप को प्रधान कहने वाले विरेंद्र चौहान का विरोध किया है। इस प्रधान ने हमेशा ही विभाग के आला अधिकारियों से लड़ने की ही बात की है।
एक शिक्षक का ऐसा अड़ियल रवैया सभी अध्यापकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। पिछले 2016-19 की बात करें तो विभाग में ही अधीक्षक के पद पर तैनात एक महिला कर्मचारी के साथ लड़ना उसके बाद माफी मांग कर और जुर्माना भर कर मामले को निपटाना उसके बाद निदेशक उच्च डॉक्टर अमरजीत का ऑडियो वायरल करना जिसके तहत इसको शो कॉज नोटिस निकलना और दोबारा खरीद-फरोख्त के मामले में निदेशक को आरोपित करना। एक मामला सितंबर 2019 में एक महिला से छेड़छाड़ करना और पुलिस चौकी में जुर्माना भर कर केस को निपटाना तथा सरकार की नीतियों का विरोध करना इसकी आदत सी बन गई है।
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ सिरमौर इकाई ने इसकी कड़ी निंदा की है। सिरमौर इकाई ने सरकार व विभाग से मांग की है कि इस प्रधान के पिछले 6 वर्ष के कार्यकाल में पैसे के लेखे जोखे का ऑडिट करवाया जाए। जहां पर कोताही पाई जाती है तो इसके विरुद्ध कार्यवाही अमल में लाई जाए। सिरमौर इकाई का कहना है कि 2019 में जिला मंडी के प्रधान अश्विनी गुलेरिया के पिता का देहांत हुआ। यह स्वयंभू नेता उनके घर शोक प्रकट करने गए लेकिन जब 3 वर्ष बाद के पैसे का लेखा-जोखा पढ़ा गया तो उसमें भी ₹2500 खर्चा यूनियन को डाल दिया गया।
जहां तक पैसे की बात है यूनियन के नाम से जो कि एक ज्वाइंट अकाउंट होता है लेकिन अनुबंध अध्यापकों के केस करवाने के लिए इसने अपने ही नाम से एक अलग अकाउंट भट्ठा कुफर में खोल दिया और उसमें पैसे मंगवाए। उस पैसे की भी तहकीकात की जाए। जिला सिरमौर इकाई ने कहा कि पैसे की आड़ में ही प्रधान बने रहना इसकी आदत बन गई है। अभी भी इसके पास चंद अध्यापक साथियों का साथ होना और अपने को सुर्खियां बटोरने के लिए अधिकारियों के विरुद्ध अनाप-शनाप बयानबाजी करना सिरमौर इकाई इसका विरोध करती है।
हाल ही के चुनाव शिमला में करवाना और जिसमें जिला शिमला, लाहौल स्पीति, किन्नौर,उना,कुल्लू केवल 5 जिलों के चंद अध्यापकों के साथ चुनाव करा देना और 26000 जो हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के सदस्य थे उनका चुनाव में शामिल ना होना अपने आपको फिर भी प्रधान बताना और सुर्खियों में रहना तो यह सब बातों को मध्य नजर रखते हुए सिरमौर इकाई शिक्षा निदेशक डॉ अमरजीत शर्मा के पाक साफ़ होने का समर्थन करती है। वीरेंद्र चौहान के उस बयान की कड़ी निंदा करती है जिसके तहत उन्होंने निदेशक के ऊपर आरोप लगाए हैं। जबकि यह मामला निदेशालय का था उसको मुखिया ने देखना होता है जो कि निदेशक महोदय ने देखना था। लेकिन बीच में सुर्खियां बटोरने के लिए विरेंद्र चौहान अपने आप को यह साबित करना चाहते हैं कि वह प्रधान हैं तो इसकी कड़ी निंदा करती है।