
उन्होंने बताया कि तहसीलदार नौहराधार द्वारा छानबीन करने पर पाया गया कि सभी प्रवासी मज़दूरों को 22 जून, 2020 को चाडना के उचित मूल्य की सरकारी डिपू से 80 किलो चावल व दालें व सरकार की ओर से मिलने वाला राशन बिना किसी कीमत के उपलब्ध करवाया गया है तथा समाचार पत्र मे प्रकाशित प्रवासी मज़दूरों को राशन न मिलने की खबर के तथ्य सही नही है।