नाहन। प्रदेश के प्रवेश द्वार पर हालांकि पड़ोसी राज्य से आवारा पशुओं की एंट्री खासी परेशानी का सबब बनती है, मगर इन बेजुबानों को नया जीवन देने में इंसानियत का परिचय दिया गया। हर कोई इस बात से वाक़िफ़ होना चाहिए कि बेजुबान जानवरों की इस हालत के लिए इंसानी फितरत जिम्मेदार है। शनिवार दोपहर दो बैल एक निजी अस्पताल के समीप लड़ रहे थे। इसी दौरान एक बैल नाले में पीठ के बल जा गिरा।
मौके पर पुलिस कर्मियों ने वन विभाग के कर्मचारियों की इम्दाद से जेसीबी को बुलवाया। इसके बाद बैल को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। इसमें कोई दो राय नहीं है कि बेजुबान जानवरों के लिए कोई सीमा बंधन नहीं होता। इसी के चलते हरियाणा से बड़ी संख्या में आवारा पशु प्रदेश की सीमा में दाखिल हो जाते हैं। कुल मिलाकर जहां बेजुबान जानवरों के नरकीय जीवन के लिए इंसान ही जिम्मेदार है, वहीं इंसान ही इन्हें नया जीवन देने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।