अंतर्राष्ट्रीय रेसलिंग स्टार रहे हैं द ग्रेट खली, लोकप्रियता के ग्राफ में अब है बैकफुट,
नाहन। कभी अंतरराष्ट्रीय रेसलिंग स्टार रहे पंजाब में सेटल्ड सिरमौर के रेसलर दिलीप सिंह राणा उर्फ ग्रेट खली प्रदेश में अपने लिए राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं। हालांकि द ग्रेट खली द्वारा जगह जगह प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जा रही है। जिसमें वह शिलाई क्षेत्र में विकास की अनदेखी को लेकर पूर्व व मौजूदा सरकार को भी कोस रहे हैं।
जिसको लेकर इस विधानसभा क्षेत्र के लोगों का कहना है कि दिलीप राणा उर्फ ग्रेट खली इतने बड़े स्टार रहे हैं तो उनका समाज सेवा में क्या योगदान रहा है। लोगों का द ग्रेट खली से यह भी सवाल है कि वे 5 साल में एक या दो बार घूमने के लिए सिरमौर आते हैं मगर उनका सामाजिक योगदान कहीं भी नजर नहीं आता है।
हालांकि दोनों प्रमुख पार्टियों के लोगों का कहना यह भी है कि अगर दिलीप सिंह राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं तो बड़ी अच्छी बात है। लोगों का कहना है कि लोकतंत्र है कोई भी अपनी किस्मत आजमा सकता है। राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों का तो यहां तक कहना है कि ससुराल वालों को जमाई से ज्यादा प्यार होता है अच्छा होता कि अगर वह जहां रह रहे हैं वहां से चुनाव लड़े तो जीत भी सकते हैं।
तो वहीं सत्ता पक्ष के लोगों का कहना है कि जो व्यक्ति कई सालों बाद घूमने आए उसको विकास कहां नजर आएगा। हालांकि मौजूदा सरकार ने द ग्रेट खली के कहने पर बैंक भी खोला था मगर वह बैंक भी अब बंद होने की कगार पर आ चुका है। और जिस रेस्ट हाउस को लेकर मुद्दा बनाया जा रहा है जानकारी तो यह भी है कि सत्ता पक्ष के द्वारा डिपार्टमेंट के अधिकारियों से मीटिंग भी की जा चुकी है।
बावजूद इसके रास्ते के लिए ना तो लोग जमीन दे रहे हैं और ना ही ग्रेट खली जमीन दिलवाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि ग्रेट खली के परिजन आज भी जमीन से जुड़े हैं और अपने गृह क्षेत्र के प्रति विकास का दृष्टिकोण सरकार के नजरिए से देखते हैं।
जाहिर है कि जिस प्रकार द ग्रेट खली डीलडोल हैं संभवत उनका राजनीतिक सलाहकार भी हर तरह से ही कुछ ऐसे हैं। बता दें कि हाल ही में पोंटा साहिब में भी द ग्रेट खली ने कुछ ऐसा ही बयान दिया था। यही नहीं ग्रेट खली माथा टेकने गुरुद्वारा में भी गए थे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह पंजाब से कब आए थे और कितने दिन क्वॉरेंटाइन रहे। बड़ी बात तो यह है कि अधिकतर जिम संचालक कोरोना के चलते परेशान है। जिम संचालक भारी भरकम कर्ज के तले दब चुके हैं। द ग्रेट खली के द्वारा जो कि खुद जिम संचालक हैं कहीं भी यह नहीं कहा गया कि वह सरकार से जिम संचालकों के लिए अनुदान की बात रखेंगे। जिसको लेकर कई जिम संचालकों ने तो यह भी कहा कि द ग्रेट खली मतलब परस्त हैं। उनकी सरकार से रखी गई हर डिमांड में निजी स्वार्थ साफ झलकता हैं।
हालांकि हाल ही में द ग्रेट खली का एक वीडियो भी जिम में कुछ लोगों के साथ एक्सरसाइज करने का वायरल हो रहा था। ऐसे में लोग यह भी पूछ रहे हैं कि जब जिम बंद है तो यह वीडियो लॉक डाउन से पहले का है या बाद का।
बरहाल जो भी हो द ग्रेट खली ने नेम एंड फेम पूरी दुनिया में अच्छा खासा कमाया है। मगर द ग्रेट खली अपने पैतृक गांव के लिए कोई बड़ा काम कर पाए हो या कोई ऐसा सामाजिक कार्य किया हो ऐसा कहीं भी नजर नहीं आता है जो यह प्रमाणित कर सके कि खली अपने क्षेत्र के लिए कुछ विशेष करने की इच्छा रखते हैं!