नाहन (हिमाचलवार्ता)। हिमाचल प्रदेश पत्रकार महासंघ ने सरकार के व्यवहार पर गहरा खेद प्रकट किया कि प्रदेश के पत्रकारों को कोरोना योद्धाओं की श्रेणी में नहीं रखा गया है जबकि पत्रकार हर प्रकार के समाचारों को कवर करने के लिए सब से आगे जाते हैं! महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेष सैनी व महा सचिव एसपी जैरथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पुलिस, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों, सफाई कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कर्मचारियों आदि को कोरोना योद्धाओं की श्रेणी में लाकर उन्होंने आर्थिक सहायता 50 लाख रुपये उन में से किसी के कोरोना की बिमारी से मरने के बाद उन के परिवार के सदस्यों को देने की घोषणा की मगर पत्रकारो के साथ भेदभाव इस मामले में बरता गया है! उन्होंने कहा कि कल 27 अक्तूबर को पांवटा साहिब के एक पत्रकार नरेंद्र मोहन रमौल की कोरोना से मृत्यु हो गई जिस पर उन्हें सरकार की ओर से न तो कोई आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई और न ही किसी प्रकार की सहानुभूति के शब्द उन के परिवार के प्रति दर्शाए गए! उन्होंने सरकार से मांग की है कि प्रदेश के पत्रकारों को भी कोरोना योद्धाओं की श्रेणी में लाया जाए और वरिष्ठ पत्रकार रमौल जिन की मृत्यु कोरोना के कारण हुई है उन के परिवार को सरकारी सिद्धांत के अनुसार आर्थिक सहायता प्रदान की जाए! उन्होंने कहा कि अगर सरकार पत्रकारों को कोरोना योद्धाओं की श्रेणी में लाने असफल रही तो मजबूर पत्रकारों को इस बारे गहराई से सोचना पडेगा जिस में भविष्य में सभी प्रकार के कार्यकर्मो को बाईकाट भी हो सकता है!
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Friday, May 17