नाहन (हिमाचलववार्ता)। प्रदेश में हो रहे पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में वैसे तो भाजपा व कांग्रेस एक दूसरे के धुर विरोधी के तौर पर इस जंग में हैं लेकिन सिरमौर जिला में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है।
जहां प्रधान पद के लिए दोनों दलों ने सांझा उम्मीदवार उतारकर सभी को हैरत में डाल दिया है। मामला भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप के गृह क्षेत्र पच्छाद की सराहां ग्राम पंचायत का है। जहां प्रधान पद के लिए दोनों दलों से एक ही उम्मीदवार मैदान में है।
हमेशा से यह पच्छाद की हॉट सीट रही है। जहां पंचायत गठन यानी 1996 के बाद हमेशा भाजपा का कब्जा रहा है। लेकिन इस बार भजपा ने कुछ ऐसा दांव खेला की अब सब कुछ होने के बाद भी उसके हाथ खाली के समान हैं। वहीं इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस भी बैकफुट पर आ गई है।
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत सराहां में प्रधान पद महिला (अनु जाति) के लिए आरक्षित है और यह पहला अवसर है जब एक महिला इस पंचायत की कमान संभालेगी। इस पर भाजपा व कांग्रेस ने अपने अपने उम्मीदवारों से नामांकन करवाए लेकिन 5 दिसंबर को टिक्कर गांव स्थित मां मनसा देवी मन्दिर में हुई एक बैठक में कांग्रेस उम्मीदवार भाजपा में शामिल हो गई। जिसे लेकर यहां तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
उधर नाम वापसी के आखिरी दिन 6 दिसंबर को भाजपा उम्मीदवार ने अपना नाम वापिस ले लिया। अब स्थिति यह है कि दोनों दलों के नेता उक्त उम्मीदवार को लेकर दावे कर रहे हैं लेकिन स्थिति स्पष्ट न होने से स्थानीय लोग असमंजस की स्थिति में हैं। लोगों का कहना है कि प्रधान पद को लेकर दोनों दलों के नेताओं के बीच आखिर यह क्या खिचड़ी पक रही है।
मंगलवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, विधायक रीना कश्यप व मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन बलदेव सिंह भंडारी ने स्थानीय नेताओं के साथ सराहां में प्रचार किया। इस दौरान उनके साथ जिला परिषद, बीडीसी व उप प्रधान पद के उम्मीदवार तो थे लेकिन प्रधान पद की उम्मीदवार नदारद रही। उन्होंने भाजपा के बड़े नेताओं से पूरी तरह किनारा किए रखा।