नाहन (हिमाचलवार्तान्यूज):– केंद्र सरकार द्वारा लाखों घरेलू गैस उपभोक्ताओं को साथ पिछले कई सालों से सब्सिडी देने के नाम पर कहर ढाया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार 1200 रुपए के घरेलू गैस सिलेंडर पर महज 27:55 पैसे सब्सिडी खातों में आ रही है। हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां के लाखों उपभोक्ताओं को को 1200 रूपए के घरेलू गैस सिलेंडर पर 27:55 पैसे सब्सिडी उनके खातों में डाली जा रही हैं। उधर केंद्र सरकार सरकार का पेट्रोलियम मंत्रालय जहां एक और उज्जवला योजना में शामिल उपभोक्ताओं को 200 रूपए प्रति सिलेंडर के हिसाब से सब्सिडी दे रहा है तो ग्रामीण क्षेत्रों में गृहणी योजना के तहत मुफ्त में लाखों सिलेंडर वितरित किए जा चुके है। लेकिन असली जेब शहरों में रहने वाले सामान्य ग्राहकों की काटी जा रही है। कोविड-19 के बाद उपभोक्ताओं को साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है। कोविड से पहले प्रति सिलेंडर इन सभी उपभोक्ताओं को 200 रूपए से ज्यादा सबसिडी मिलती थी लेकिन जैसे ही कोविड-19 ने दस्तक दी लाखों उपभोक्ताओं का ध्यान सब्सिडी की ओर से उठ गया। अब सालों से उपभोक्ता सब्सिडी के नाम पर अपने खाते चेक नहीं करता और केंद्र सरकार में शायद इसी का फायदा उठाया पिछले 3 सालों में गैस सिलेंडरों की दरों में बेतहाशा वृद्धि की गई है। गैस के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और सब्सिडी ना के बराबर की ऐसे में उपभोक्ताओ मांग है कि केंद्र सरकार को सबसिडी के नाम पर किए जा रहे एहसान का खत्म कर देना चाहिए और यह मामूली रकम जो सबसिडी के नाम पर दी जा रही है अपने पास ही रख ले।ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें जो सरकार ने पिछले कुछ सालों में गृहणी योजना के तहत महिलाओं को हजारों की तादाद में सिलेंडर वितरित किए लेकिन इस योजना का फायदा ग्रामीणों ने अलग.अलग राशन कार्ड बनवा कर ज्यादा से ज्यादा उठाया मिली जानकारी के अनुसार एक घर में विवाहित सदस्यों ने अपने अलग अलग राशन कार्ड बनाए गए उनके नाम से उक्त योजना के तहत गैस सिलेंडर ले लिए गए।यह भी जानकारी मिली है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी ज्यादातर चुल्हों पर काम होता है। महिलाएं गैस पर चाय आदि ही बनाती है। केंद्र सरकार में ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को यह सोच कर गृहणी योजना के तहत जारी किए थे कि महिलाओं को घरों में धुऐं से होने वाले प्रदूषण से बचाया जा सके और आसपास के जंगलों से लकड़ी का कटान भी रोका जा सके। जहां महिलाओं को प्रदूषण रहित वातावरण देने की कवायद हुई वनों को संरक्षित व पर्यावरण को बचाने का प्रयास किया गया।केंद्र सरकार वर्तमान में गैस उपभोक्ताओं को 14 किलो वजन का गैस सिलेंडर 1150 से लेकर 1200 रूपए तक दे रही है सिलेंडर के ऊपर डिलीवरी की मजदूरी दूरी के हिसाब से अलग-अलग जगह अलग-अलग तय होती है। 19 किलो वजन के कमर्शियल सिलेंडर 2205 रूपए में मिल रहा है। कमर्शियल सेंटर पर कोई की सबसिडी नहीं मिलती कुल मिलाकर शहरों में रहने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को ही चपत लग रही है।– गैस सिलेंडर की दरें केंद्र सरकार का पेट्रोलियम मंत्रालय तय करता हैै। घरेलू सिलिंडर पर मिलने वाली सब्सिडी भी पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा ही तय की जाती है और सीधे ग्राहकों के खाते में जमा होती है। आईओ सी का इसमें कोई रोल नही होता। उज्जवला योजना में ग्राहकों को अभी भी 200 रूपए सबसिडी मिल रही है जबकि शहरी क्षेत्रों के लोगों को लूटा जा रहा है।
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Friday, May 23