Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Breakng
    • अरिहंत इंटरनेशनल विद्यालय ने विद्यार्थियों का जिला स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता में लहराया परचम
    • रेडक्रॉस सोसाइटी कैंटीन हेतू निविदाएं 06 जून तक करें जमा-विवेक शर्मा
    • प्रो कबड्डी लीग सीजन 12 की नीलामी में रोनहाट के अनिल जस्टा को यू मुंबा ने 78 लाख में खरीदा
    • नगरपालिका नाहन व पांवटा साहिब के वार्डो के परिसीमन संबधी आक्षेप अथवा सुझाव 9 जून तक करवाएं दर्ज- उपायुक्त
    • सिक्किम लैंडस्लाइड में नाहन का सपूत मनीष ठाकुर शहीद
    • दो नाबालिकों की बाइक पेड़ से टकराई, दोनों की मौत
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Himachal Varta
    • होम पेज
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सिरमौर
      • ऊना
      • चंबा
      • लाहौल स्पीति
      • बिलासपुर
      • मंडी
      • सोलन
      • कुल्लू
      • हमीरपुर
      • किन्नोर
      • कांगड़ा
    • खेल
    • स्वास्थ्य
    • चण्डीगढ़
    • क्राइम
    • दुर्घटनाएं
    • पंजाब
    • आस्था
    • देश
    • हरियाणा
    • राजनैतिक
    Tuesday, June 3
    Himachal Varta
    Home»हिमाचल प्रदेश»सिरमौर»भगवान परशुराम ताल का होगा जयोणोधार
    सिरमौर

    भगवान परशुराम ताल का होगा जयोणोधार

    By Himachal VartaJuly 8, 2023
    Facebook WhatsApp

    नाहन हिमाचल वार्ता न्यूज़  (एसपी जैरथ):- बीते वर्ष रेणुकाजी तीर्थ के धार्मिक स्थलों को वन्य प्राणी सेंक्चुरी से बाहर कर दिया गया था जिसके कारण यहां अब विकास की योजनाएं लागू की जाने लगी हैं। इसी सिलसिले में श्री रेणुकाजी तीर्थ में 16 करोड़ से बनने वाली सीवरेज योजना और दूसरी 13 करोड़ रुपये की परशुराम ताल के जीर्णोद्धार की योजना शामिल है। इन दोनों योजनाओं की डीपीआर तैयार कर ली गई है।बता दें कि पहले रेणुकाजी वन्य प्राणी सेंक्चुरी में शामिल होने के कारण यहां विकास की कोई भी योजना लागू नहीं की जा सकती थी परन्तु अब रेणुकाजी तीर्थ के धार्मिक स्थल वन्य प्राणी सेंक्चुरी से बाहर होने के बाद यहां विकास कार्यों की गति तेज़ होने लगी है। इस योजना के तहत भगवान परशुराम ताल को सूखने से बचाने, इसे गाद मुक्त करने, जल स्रोतों का संरक्षण और बरसात के दिनों में बहकर आने वाली मिट्टी की रोकथाम के लिए चेकडैम स्थापित किए जाएंगे। साथ ही ऐतिहासिक परशुराम ताल की सुंदरता को भी बढ़ाया जाएगा।रेणुकाजी तीर्थ भगवान परशुराम की जन्मस्थली होने के कारण उत्तर भारत के लोगों की आस्था का केंद्र है तथा यहां प्रतिवर्ष पर्यटकों के अतिरिक्त लाखों श्रद्धालु और यात्री आते हैं। माना जाता है कि बाल्यकाल में भगवान परशुराम इस ताल में स्नान करते थे। तब से ही इस तालाब को परशुराम ताल के नाम से जाना जाता है।

    Follow on Google News Follow on Facebook
    Share. Facebook Twitter Email WhatsApp


    Demo

    Recent
    • अरिहंत इंटरनेशनल विद्यालय ने विद्यार्थियों का जिला स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता में लहराया परचम
    • रेडक्रॉस सोसाइटी कैंटीन हेतू निविदाएं 06 जून तक करें जमा-विवेक शर्मा
    • प्रो कबड्डी लीग सीजन 12 की नीलामी में रोनहाट के अनिल जस्टा को यू मुंबा ने 78 लाख में खरीदा
    • नगरपालिका नाहन व पांवटा साहिब के वार्डो के परिसीमन संबधी आक्षेप अथवा सुझाव 9 जून तक करवाएं दर्ज- उपायुक्त
    • सिक्किम लैंडस्लाइड में नाहन का सपूत मनीष ठाकुर शहीद
    Recent Comments
    • Sandeep Sharma on केन्द्र ने हिमालयी राज्यों को पुनः 90ः10 अनुपात में धन उपलब्ध करवाने की मांग को स्वीकार किया
    • Sajan Aggarwal on ददाहू मैं बिजली आपूर्ति में घोर अन्याय
    © 2025 Himachal Varta. Developed by DasKreative.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.