Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Breakng
    • पांवटा साहिब में चोरी के दो आरोपियों को सजा
    • मेघा जागरूकता शिविर आगामी आदेशों तक स्थगित-श्रम कल्याण अधिकारी
    • कर्मचारी से मारपीट पर भाजपा ने मंत्री अनिरुद्ध सिंह को बर्खास्त करने की करी मांग
    • उपायुक्त ने बरसात में अप्रिय घटनाओं से बचाव के लिए जारी किए आवश्यक दिशा निर्देश
    • अढाई साल में सरकार ने लिया 33 हजार करोड़ का कर्ज , अब फिर से 1200 करोड़ का ऋण लेने जा रही सरकार : सुरेश कश्यप
    • सिरमौर पुलिस ने ट्रक-डम्परों पर कसा शिकंजा , 19 वाहनों के किये चालान
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Himachal Varta
    • होम पेज
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सिरमौर
      • ऊना
      • चंबा
      • लाहौल स्पीति
      • बिलासपुर
      • मंडी
      • सोलन
      • कुल्लू
      • हमीरपुर
      • किन्नोर
      • कांगड़ा
    • खेल
    • स्वास्थ्य
    • चण्डीगढ़
    • क्राइम
    • दुर्घटनाएं
    • पंजाब
    • आस्था
    • देश
    • हरियाणा
    • राजनैतिक
    Thursday, July 3
    Himachal Varta
    Home»हरियाणा»सूर्यग्रहण मेले में विभिन्न राज्यों से आए लाखों श्रद्धालु, लगायी श्रद्धा की डुबकी
    हरियाणा

    सूर्यग्रहण मेले में विभिन्न राज्यों से आए लाखों श्रद्धालु, लगायी श्रद्धा की डुबकी

    By Himachal VartaDecember 26, 2019
    Facebook WhatsApp

    चंडीगढ़। सूर्यग्रहण मेले में जहां देश के विभिन्न राज्यों के लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान और पूजा-अर्चना की तो वहीं पड़ोसी देशों के श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में इस पुण्य के भागीदार बने।
    नेपाल से आए अमिपाल भंडारी और मनोज ने बताया कि उन्होंने पहली बार ब्रह्मसरोवर पर सूर्यग्रहण के अवसर पर स्नान किया है और उनके साथ परिवार के लगभग 25 सदस्य स्नान के लिए पहुंचे हैं। कंपकपंाती सर्दी के बावजूद उनके परिवार के सभी सदस्यों ने पूजा-अर्चना के साथ स्नान किया। पाकिस्तान की सीमा से सटे जम्मू-कश्मीर के सचेतगढ़ से आए शम्भूनाथ भी सूर्यग्रहण स्नान को लेकर काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने कहा कि सचेतगढ़ से चलने से पूर्व उन्हें इस बात का अनुमान तक नहीं था कि कुरुक्षेत्र में भी जम्मू-कश्मीर जैसी ठंड देखने को मिलेगी।
    राजस्थान के बीकानेर जिले के डुंगरगढ़ निवासी महिलाएं भी अपने परिजनों के साथ स्नान के लिए विशेष तौर पर बुधवार को यहां पहुंची। इन महिलाओं ने स्नान से पूर्व भगवान श्रीकृष्ण की आराधना में भजन गाए और परिवार सहित स्नान करके परिवार की उन्नति व समृद्धि के लिए प्रार्थना की। परिवार की बुजुर्ग भंवरी देवी का कहना था कि प्रशासन द्वारा ब्रह्मïसरोवर की परिक्रमा में यात्रियों के ठहरने के लिए गर्म वस्त्रों के साथ-साथ शौचालय इत्यादि की भी बेहतर व्यवस्था की गई है। राजस्थान के जिला करौली के पांच गांवों से 200 से अधिक श्रद्धालु ब्रह्मïसरोवर परिक्रमा में नाचते हुए भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति कर रहे थे। इनका नेतृत्व कर रहे दयालचंद ने कहा कि वे हर सूर्यग्रहण पर आस-पास के गांवों के लोगों को लेकर इस अवसर का पुण्य कमाने के लिए स्नान हेतु यहां आते हैं।
    हिमाचल प्रदेश के शिमला से परिजनों के साथ आए पवन शर्मा ने कहा कि पहली बार सूर्यग्रहण पर कुरुक्षेत्र में स्नान का उनका अनुभव अविस्मरणीय है। इससे पहले वह परिवार के साथ देश के विभिन्न तीर्थों पर स्नान के लिए गए है। लगभग 30 वर्षीय इस युवा ने कहा कि इस तरह के आयोजन युवा पीढ़ी को भारत की उच्च पारम्परिक धारणाओं से जुडऩे का अवसर देते हैं।
    आंध्र प्रदेश से सीए के विद्यार्थी वैंकटेश भी अपने परिजनों के साथ स्नान के लिए पहली बार आए थे। उनका कहना था कि उन्होंने सूर्यग्रहण पर स्नान के महत्व और कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता उपदेश देने के बारे में केवल किताबों में ही पढ़ा था, लेकिन यहां आकर स्नान करने और पूरे वातावरण को आध्यात्मिक रंग में रंगा देखकर मन आनंदित हुआ है। वे भी यहां किए गए प्रबंधों से काफी प्रभावित हुए।
    उत्तर प्रदेश के मथुरा से आए नंद किशोर ने कहा कि वे पिछले लगभग 40 वर्षों से सूर्यग्रहण मेले पर ब्रह्मसरोवर में स्नान के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके दादा-पड़दादा बचपन में उन्हें बताते थे कि सूर्यग्रहण के अवसर पर किये जाने वाले पूजा-पाठ का पुण्य सामान्य पूजा-पाठ की तुलना में हजारों गुणा अधिक मिलता है और उन्होंने अपने जीवन में इसे व्यावहारिक रूप से अनुभव भी किया है। बनारस के चंद्रमा प्रसाद और उनकी बेटी निधि जयसवाल भी अपने गांव के अन्य वासियों के साथ सूर्यग्रहण स्नान के लिए आई थी। निधि ने कहा कि युवा पीढ़ी भारत की संस्कृति और मान्यताओं से दूर होती जा रही है और परिवार के बड़े-बुजुर्गों को चाहिए कि वे बच्चों को न केवल अपनी प्राचीन परम्पराओं से अवगत करवाएं बल्कि ऐसे आयोजनों में शामिल होने के लिए भी प्रेरित करें।
    पंजाब के पटियाला जिला के मंजोली, करणपुर व अन्य गांवों से संगत लेकर आए बाबा हरनेक सिंह ने बताया कि वे पिछले 50 वर्षों से हर सूर्यग्रहण मेले पर ग्रहण से एक सप्ताह पूर्व संगत लेकर आते हैं और शहर के अलग-अलग स्थानों पर लंगर आयोजित करते हैं। इस बार भी ब्रह्मïसरोवर के आस-पास लंगर लगाए गए हैं और रेलवे स्टेशन के नजदीक भी चाय और ब्रैड का लंगर लगाया गया है। लगभग 80 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हरनेक सिंह ने कहा कि वह जसबीर सिंह, गुरजंट सिंह, बंत सिंह और अवतार सिंह को इस लंगर में निरंतर शामिल करते हैं ताकि वे आने वाले समय में इस परम्परा को कायम रख सकें।

    Follow on Google News Follow on Facebook
    Share. Facebook Twitter Email WhatsApp


    Demo

    Recent
    • पांवटा साहिब में चोरी के दो आरोपियों को सजा
    • मेघा जागरूकता शिविर आगामी आदेशों तक स्थगित-श्रम कल्याण अधिकारी
    • कर्मचारी से मारपीट पर भाजपा ने मंत्री अनिरुद्ध सिंह को बर्खास्त करने की करी मांग
    • उपायुक्त ने बरसात में अप्रिय घटनाओं से बचाव के लिए जारी किए आवश्यक दिशा निर्देश
    • अढाई साल में सरकार ने लिया 33 हजार करोड़ का कर्ज , अब फिर से 1200 करोड़ का ऋण लेने जा रही सरकार : सुरेश कश्यप
    Recent Comments
    • Sandeep Sharma on केन्द्र ने हिमालयी राज्यों को पुनः 90ः10 अनुपात में धन उपलब्ध करवाने की मांग को स्वीकार किया
    • Sajan Aggarwal on ददाहू मैं बिजली आपूर्ति में घोर अन्याय
    © 2025 Himachal Varta. Developed by DasKreative.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.