रेनशल्टर में चल रहा घायल बैल का उपचार
शिमला। राजधानी से सटे ग्रामीण क्षेत्र में यूं तो बेसहारा पशुओं का तेज रफ्तार वाहनों की टक्कर से चोटिल होना सामान्य सी बात हैं लेकिन हैरानी की बात है कि ऐसे घायल और बेसहारा पशुओं के लिए सरकारी स्तर पर बनी गौशाला की कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते स्थानीय लोग अपने आय स्त्रोतों से इन बेजुबानों की मदद कर रहे हैं। मंगलवार को भी मशोबरा में इसी प्रकार से घायल एक बेसहारा बैल और कुत्ते की स्थानीय दवा कारोबारी अरूण शर्मा ने मदद की। बताया जा रहा है कि बैल ढली से मशोबरा की ओर आ रहा था कि उसे किसी वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे उसकी टांग चोटिल हो गई। इस अवस्था में ही वह चार दिन बाद ढली से मशोबरा पहुंचा, जहां उस पर अरूण शर्मा की नजर पड़ी। बैल की बुरी हालत देखते हुए उन्होंने तुरंत मशोबरा स्थिति पश ुचिकित्सालय से संपर्क किया और बैल को निर्धारित दवा का टीका लगवाया। इसके अलावा घायल कुते को इलाज के लिए उनका बेटा शिमला स्थिति वेटनरी अस्पताल लेकर आया।
अरूण शर्मा ने बताया कि घायल बैल की स्थिति काफी नाजुक थी। इस अवस्था में जहां उसका चलना मुश्किल था, ऐसे में रात को उसे स्थानीय रेनशल्टर में ही रखा गया। उन्होंने बताया कि मशोबरा के क्यार-कोटी क्षेत्र के समीप चैड़ में गोवर्धन धाम गौशाला है, जिसकी क्षमता 500 गाय तक है। लेकिन वहां पर जब भी ऐसे पशुओं को आसरा देनी की बात की जाती है तो उनकी आनाकानी रहती है। जिसके चलते ऐसे किसी भी घायल पशु को ठहराने के लिए कोई उचित स्थान नहीं मिल पाता है। अब तक वे स्वयं साधनों और साथियों की मदद से रेस्कयू करते आए हैं।
उधर, मशोबरा स्थिति पशुपालन विभाग ने भी घायल बैल का इलाज शुरू कर दिया है, जिसके चलते अब वह खतरे से बाहर है। लेकिन खुले रेनशल्टर में होने के कारण अन्य पशुओं द्वारा उस पर हमले की चिंता बनी हुई है। स्थानीय लोगों की प्रशासन और सरकार मांग है कि क्यार-कोटी गौशाला को उसके असल उददेश्य के इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जिससे बेसहारा पशुओं की मदद हो सके और इसके लिए लोग भी हर संभव मदद करने को तैयार है।
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Wednesday, May 28