नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज) (एसपी जैरथ) :- पांवटा साहिब में होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ रोहताश नागिया मीडिया से रूबरू हुए, ओर गुरुद्वारा मार्केट से विस्थापित हुए एक दर्जन के करीब दुकानदारों के कारोबार पुनः स्थापित करने के लिए नगर परिषद को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया ।
उन्होंर कहा कि यहां गुरुद्वारा मार्केट गिराए जाने से बेरोजगारी की कगार पर पहुंचे एक दर्जन व्यापारियों को पुनः स्थापित करने के लिए नगर परिषद पांवटा साहिब को कारगर कदम उठाने चाहिए।
रोहताश नागिया का कहना है कि,गुरुद्वारा पांवटा साहिब के समीप ही नगर परिषद द्वारा अस्थाई रूप से दुकानें बनाकर दी जा सकती हैं लेकिन, बार बार आग्रह के बावजूद भी नगर परिषद उनकी समस्या की ओर कोई ध्यान नही दे रही है। नगर परिषद के साथ ही उनका प्रतिनिधि मंडल ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी से भी मिल चुका है,लेकिन उन्होंने भी उनकी मांग की ओर कोई ध्यान नही दिया।
डॉ नागिया ने कहा कि नगर परिषद पांवटा साहिब को 3 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है,यदि 3 दिन के भीतर उनकी समस्या का समाधान न किया गया तो वे संघर्ष के लिए मजबूर होंगे।
पांवटा साहिब में लंपी को लेकर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कि कोविड के समय में भी उन्होंने अपने शोध के परिणाम स्वरूप दवा विकसित की थी, जिससे लाखों लोग लाभान्वित हुए।बताया
इसी की तर्ज पर लंपी रोग से निजात के लिए उन्होंने जो दवा विकसित की है, उससे हजारों गौवंश लाभान्वित हो चुके हैं। इसकी कीमत अन्य दवाओं के मुकाबले मात्र 1 फीसदी है।सरकार को पहल करते हुए इस दवा को जन जन तक पहुंचाना चाहिए। लेकिन सरकार का रवैया इसके प्रति उदासीन है।
उन्होंने कहा कि सारे नेता अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं तो कोई टिकट की होड़ में व्यस्त हैं, नेता जनता के द्वारा जनता के लिए बनाये जाते हैँ ताकि उनकी समस्या की सुनवाई हो सके लेकिन यहाँ तो टिकट ओर कुर्सी कि दौड़ में ही नेता व्यस्त हैं।स्पष्ट शब्दों में नागिया ने कहा कि एक भी नेता का मुंह लंपी वायरस कों लेकर नही खुला हैं जबकि यह महामारी विकराल रूप धारण कर चुकी हैं