नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज)(एसपी जैरथ) : – चुनाव के करारी हार मिलने के बाद शिलाई भाजपा ने मण्डल अध्यक्ष सूरत सिंह की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया तथा चुनाव में भितरघात करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई है। प्रदेश के अंदर संपन्न हुए चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। चुनावी परिणाम में प्रदेश के अंदर बीजेपी के हार का सबसे बड़ा कारण भीतरघात सामने आया है। जिसकी शिकार शिलाई भाजपा में भी हुई है और 382 वोट से शिलाई भाजपा सीट हारी है। शिलाई भाजपा मंडल की बैठक ने फैसला लिया कि भाजपा से टिकट की दावेदारी करने वाले कुलदीप सिंह राणा को जब पार्टी ने टिकट न देने के एवज में भीतरघात किया है। और कमल के कंधो पर हाथ का साथ दिया है। इसलिए भाजपा मंडल शिलाई ने कार्यवाही करते हुए कुलदीप राणा को 6 वर्षों के लिए मंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।उल्लेखनीय है कि शिलाई विधानसभा के पूर्व विधायक बलदेव सिंह तोमर ने अपनी सीट हारने के बाद, सरकार में रहते हुए शिलाई विधानसभा के अंदर अथाह विकासात्मक कार्य करवाए है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में बलदेव तोमर की अर्जी पर विधानसभा के केंद्र बिंदु शिलाई में जुडिशियल कोर्ट, एसडीएम कार्यालय, जलशक्ति विभाग मंडल, विद्युत बोर्ड मंडल, सिविल अस्पताल का दर्जा, कफोटा एडीएम कार्यालय, तीलोरधार में विकास खंड कार्यालय, सतौन में डिग्री कालेज, नायब तहसीलदार, रोनहाट के अंदर जल शक्ति विभाग उपमंडल, स्वास्थ्य सेवाएं सहित अन्य दर्जनों कार्य ऐसे किए है। जिसके माध्यम से क्षेत्र का विकास हुआ है। सैकड़ों किलोमीटर का सफर खत्म करने के बाद लोगों को घर द्वार सेवाएं मिल रही है। इतना ही नही बल्कि पांच दशकों से लंबित गिरीखंड क्षेत्र की जनजातीय क्षेत्र का दर्जा मिलना भी बलदेव तोमर के प्रयासों से सफल हो पाया है। बावजूद उसके बलदेब सिंह तोमर को शिलाई की जनता ने 382 वोटों से हरा दिया है। जिसके बाद भाजपा के अंदर भितरघात की चर्चाएं शुरू हो गई और चुनावी समीक्षा में लगभग आधा भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर भीतरघात के आरोप लगे है। सूत्रों की मानें तो प्रदेश में आचार संहिता लगते ही शिलाई भाजपा के मीडिया प्रभारी सहित चुनिंदा कार्यकर्ता और नेताओं ने शिलाई भाजपा से दूरियां बना ली और टेबल के नीचे से कांग्रेस के पक्ष में कार्य करने लगे थे। चुनावी परिणाम में शिलाई भाजपा को ग्राम पंचायत कोटी उतराऊ, कोटा पाब, दुगाणा, सतौन सहित जैलभोज क्षेत्र, कुराली बेल्ट सहित पांशी बेल्ट में भीतरघात का सामना करना पड़ा है। हालांकि भितरघातियों ने लगभग 200 बोट का नुकसान अन्य पंचायतों में भी भाजपा को पहुंचाया है। लेकिन ग्राम पंचायत कोटी उतरऊ में सभी पंचायतों से अधिक नुकसान शिलाई भाजपा को भितरघात के कारण उठाना पड़ा है। सूत्रों की माने तो प्रदेश भाजपा के अंदर अपनी पकड़ रखने वाले सरकारी अधिकारियों ने भी शिलाई भाजपा को हराने के लिए जीतोड़ प्रयास किए है। शिलाई से भाजपा जीती हुई सीट हार गई है। जिसके कारण शिलाई में कांग्रेस की जीत से अधिक भाजपा के भितरघातियों की चर्चा हो रही है। भाजपा मंडल अध्यक्ष सूरत सिंह ने बताया कि विधानसभा शिलाई के बूथ लेवल के पदाधिकारियों से लेकर मंडल स्तर के सभी पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक की गई है। जिसमे चुनाव में रही कमियों पर विस्तार से चर्चा हुई। पार्टी में निष्क्रिय पदाधिकारियों पर विचार विमर्श किए गए। इस दौरान मण्डल ने फैसला लिया है कि कुलदीप राणा के गांव व पंचायत से भाजपा की बढ़त घटकर कांग्रेस के पक्ष में गई है। इससे पहले हमेशा यहां भाजपा का एवरेज बोट रहा है। जिसमे भाजपा की बढ़त आती रही है। यहां कुलदीप राणा ने खुदगर्जी दिखाई है। और भाजपा को सीधा नुकसान पहुंचाया गया है इसलिए शिलाई भाजपा मंडल ने कुलदीप राणा को 6 वर्ष के लिए निष्काषित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि कुलदीप राणा को बीजेपी ने जिला व प्रदेश कमेटी में बड़ा मानसम्मान दिया है। बावजूद उसके चुनाव के दौरान पार्टी के साथ भितरघात करके विपक्ष को लीड दिलाई है, जिससे नाराज मंडल के सभी कार्यकर्ताओं ने कुलदीप राणा को मंडल से बाहर करने का फैसला लिया है, मंडल ने कुलदीप राणा का निष्काशन पत्र प्रदेश कमेटी को भेज दिया है।
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Monday, June 2